पशु/जानवरों की सुरक्षा के मद्दे नजर आतिशबाजी से पशुओं को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

दीपावली के पर्व पर प्रायः यह देखा गया है कि आतिशबाजी के दौरान तीव्र ध्वनि से गली मौहल्लों के पशु/जानवरों में भय का मौहाल पैदा हो जाता है और पशु डर जाते हैं, वहीं दूसरी ओर आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह भी उल्लेखनीय है कि गली मौहल्ले के पालतु व आवारा पशुओं के नजदीक ही आतिशबाजी की जाती है व संवेदनहीनता का परिचय देते हुए उनके ऊपर ही आतिशबाजी को छोड़ दिया जाता है, जिससे न केवल पशुओं को चोट पहुंचती है, ब्लकि उनके जान का. खतरा भी उत्पन्न हो जाता है, जो कि अत्यधिक निदंनीय है।

अतएव इस संबंध में आपको निर्देशित किया जाता है कि दीपावली के पर्व पर इस बात पर गम्भीरता से ध्यान दिया जाय कि गली मौहल्लों में आतिशीबाजी के दौरान किसी भी पशु/जानवार को कोई नुकसान न होने पाये। यदि किसी व्यक्ति द्वारा आतिशबाजी से किसी पशु को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। पशुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत इसमें व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे शीर्ष प्राथमिकता प्रदान करें।

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