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इंटरनेट से आप भी हो सकते हैं जालसाजी के शिकार

आप अगर इंटरनेट सर्फिंग सावधानी से नहीं करते हैं तो सेक्सटॉर्शन का शिकार हो सकते हैं। यह साइबर ठगों का बुना ऐसा जाल है जिसमें फंसकर लोग खुद ही उन्हें गाढ़ी कमाई दे रहे हैं। राजधानी दून समेत प्रदेश के कई इलाकों में बीते कुछ महीनों में सेक्सटॉर्शन के मामले बढ़े हैं। पुलिस जल्द ही ऐसे कुछ मामलों का खुलासा कर सकती है।

एक राजनीतिक दल के नेता को साइबर ठगों ने फंसाना चाहा। नेताजी थक हारकर घर आये तो व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आई। पहले उन्होंने कॉल काट दी। फिर शाम को कॉल आई तो देखा कि एक युवती की अश्लील वीडियो चल रही है। थोड़ा बहुत रेकॉर्ड हुआ तो अगले ही पल एक अन्य नंबर से फोन आया। फ़ोन करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच से होना बताया और रुपये की मांग करने लगा। इससे पहले उनकी समझ आ गया कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं।

एक दशक पहले इसके कुछे मामले देशभर में आते थे लेकिन अब हर हाथ मोबाइल व इंटरनेट है तो साइबर ठग बड़े पैमाने पर लोगों को इसका शिकार बना रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक यह वर्चुअल सेक्स और फिर होने वाली उगाही से मिलकर बना है। इसमें साइबर ठग एक फेक आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसे जब स्वीकार किया जाता है तो सामने वाले से अश्लील बातें की जाती हैं। कुछ देर या दिन बाद यह बातें वीडियो कॉल पर भी शुरू हो जाती हैं।

इसके बाद ठग एक रिकॉर्डेड वीडियो संबंधित व्यक्ति को दिखाते हैं और उससे भी कपड़े उतारने को बोलते हैं और वीडियो बना लेते हैं। इसके बाद ठग इन दोनों वीडियो को आपस में जोड़कर संबंधित व्यक्ति को भेजकर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। वर्चुअल सेक्स एक्टिविटी में लोगों को फंसाकर उन्हें सार्वजनिक करने की धमकियां दी जाती हैं। इसके बदले मोटी रकम मांगी जाती है। बहुत से लोग ठगों को रकम दे भी देते हैं। एसटीएफ के मुताबिक उत्तराखंड में भी इस तरह के मामले अब बढ़ने लगे हैं।

कई मामलों में तो ठग सीधे ब्लैकमेल करते हैं लेकिन बहुत से मामलों में उन्हें और डराया जाता है। कुछ ठग खुद को व्हाट्एसप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म का अधिकारी बताते हैं। फिर व्यक्ति से कहा जाता है कि यह सब सामग्री उनके व्यक्ति के माध्यम से हमारे प्लेटफार्म पर पहुंची है। लिहाजा पुलिस को शिकायत की जा रही है। इस डर में व्यक्ति उन ठगों के झांसे में आ जाते हैं।

ऐसे बचें सेक्सटॉर्शन से

-पॉर्न साइट पर सर्फिंग न करें। केवल सेफ वेबसाइट को ही खोलें।

-जिन वेबसाइट के यूआरएल से पहले ताला बना होता है उन्हीं वेबसाइट पर जाएं।

-लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें।

-फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें।

-यदि कोई ब्लैकमेल करता है तो इसकी बेझिझक साइबर पुलिस से शिकायत करें।

इन दिनों सेक्सटॉर्शन के मामले बढ़ रहे हैं। बहुत से लोग इसमें शिकायत करने से झिझकते हैं लेकिन लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस साल भी कई मामले साइबर थाने और एसटीएफ के पास आ चुके हैं। जल्द ही कुछ मामलों में खुलासा किया जा सकता है।

. अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

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