हरदोई:- कोई बड़ा राजनीतिक उलट फेर नहीं हुआ तो हरदोई लोकसभा क्षेत्र से पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंदी एक बार फिर आमने-सामने होंगे। भाजपा से प्रत्याशी घोषित मौजूदा सांसद जय प्रकाश और सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद ऊषा वर्मा के बीच चौथी बार सीधा मुकाबला होगा। इससे पहले तीन बार दोनों प्रत्याशियों का आमना-सामना लोकसभा चुनाव में हो चुका है। भाजपा ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इसमें हरदोई सीट से मौजूदा सांसद जय प्रकाश को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की गई है। सपा कांग्रेस गठबंधन की ओर से पूर्व में ही तीन बार सांसद और एक बार विधायक रहीं ऊषा वर्मा को सपा प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
जय प्रकाश और ऊषा वर्मा के बीच यह चौथा चुनावी मुकाबला होगा। इससे पहले वर्ष 1998 में पहली बार ऊषा वर्मा हरदोई सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थीं और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी व तत्कालीन सांसद जय प्रकाश को हरा दिया था। वर्ष 1999 में दोनों के बीच फिर मुकाबला हुआ। तब लोकतांत्रिक कांग्रेस और भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी जय प्रकाश ने सपा की ऊषा वर्मा को हराया था। इसके बाद दोनों के बीच सीधे 2019 में मुकाबला हुआ। तब जय प्रकाश भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और ऊषा वर्मा सपा प्रत्याशी के रूप में सपा बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ीं। इस चुनाव में जय प्रकाश जीते। मतलब यह कि अब तक तीन बार दोनों आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं। दो बार जय प्रकाश और एक बार ऊषा वर्मा को जीत मिली। अब चौथी बार भी दोनों के बीच सीधे मुकाबले की उम्मीद है।
9वीं बार संसदीय चुनाव लड़ेंगे जय प्रकाश
भाजपा प्रत्याशी घोषित किए गए सांसद जय प्रकाश का 9वां चुनाव होगा। आठ बार वह सीधे जनता से और एक बार राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें से वह पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। तीन बार हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1991 और 1996 में भाजपा के टिकट पर हरदोई से चुनाव लड़कर जीते थे। 1998 में हार गए थे। 1999 में लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे।
वर्ष 2004 में मोहनलालगंज से सपा के टिकट पर लड़कर जीते थे। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर मोहनलालगंज से लड़कर हार गए थे, लेकिन इसी साल राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रह थे। वर्ष 2014 में वह मिश्रिख से सपा के टिकट पर लड़कर हारे थे। वर्ष 2019 में भाजपा के टिकट पर हरदोई से सांसद चुने गए।