बिजली संकट: बैकअप प्लान न होने पर अफसरों को लगाई लताड़

देहरादून: उत्तराखण्ड में हो रही बिजली कटौती से उद्योगों पर असर पड़ रहा है इसको लेकर असंतोष है। व्यवसायिओं का कहना है कि बगैर बताये रोस्टिंग होगी तो निवेशकों पर प्रतिकूल असर जायेगा क्योंकि उर्जा विभाग मुख्यमंत्री के पास है उन्हें इस बात का संज्ञान लेना चाहिए। आज ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़े तेवर अपनाते हुए अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने बिजली संकट पर विभाग के बैकअप प्लान को लेकर अपनी नाराजगी भी जताई।

सीएम धामी ने 24 घंटे के अन्दर समस्या के समाधान के साथ अधिकारियों को आने के कड़े निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अस्थाई व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई, सीएम ने बताया कि कि ‘मैंने विभाग को ऊर्जा संकट प्रबंधन जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है। जरूरत पड़ने पर हम केंद्र से बात करेंगे। मैंने लाइन लॉस होने पर और काम करने का निर्देश दिया है प्रदेश में बिजली किल्लत के बीच कटौती का सिलसिला जारी है।

बृहस्पतिवार को गांव.कस्बों में तीन घंटे तक कटौती हुई हालांकि उद्योगों को कटौती से राहत दी गई लेकिन फर्नेश उद्योगों में शाम छह बजे से कटौती शुरू हो गई।बढ़ती गर्मी के बीच प्रदेश में बिजली किल्लत चरम पर है।यूपीसीएल के एसई कॉमर्शियल ने बताया कि प्रदेश में बिजली की डिमांड 44 मिलियन यूनिट तक चल रही है। इसके सापेक्ष 29 से 30 मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। बाकी 13 से 15 मिलियन यूनिट रोजाना बाजार से खरीदनी पड़ रही है।

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