आप ने अक्सर देखा होगा कि जो महिलाएं बस से ट्रैवल करती हैं तो उन्हें बस में कई बार छेड़ा जाता हैं, छेड़ने के साथ-साथ पुरूष वर्ग द्वारा घुरा जाता है, या कह तो अश्लील इशारे किए जाते हैं, जिनसे महिला परेशान होकर कुछ नहीं कर पाती, क्योंकि अभी तक इसके खिलाफ सरकार ने कोई नियम नहीं बनाया है, लेकिन ये सब देखते हुए तमिलनाडु में सरकार ने महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया हैं, जिसमें अब एक प्रावधान तमिलनाडु के संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में दिया गया है, इसके तहत बस में सवार महिलाओं को जो भी घूरेगा उसको गिरफ्तार किया जा सकता है। संशोधित अधिनियम के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ सीटी बजाना, अश्लील-अश्लील इशारे करना और यौन शोषण जैसे गतिविधि भी अपराध माने जाते हैं।
संशोधित अधिनियम के अंतर्गत, यदि कोई इंसान किसी महिला के साथ बस में दुर्व्यवहार या छेड़खानी करने की कोशिश करता है, तो बस कंडक्टर को उस यात्री को उतारना पड़ेगा, या फिर किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर उसे पुलिस थाने को सौंप देना होगा। महिलाओं के खिलाफ अनुचित व्यवहार करने वाले कंडक्टरों को भी कानून के अंतर्गत कड़ी सजा दी जाएगी।
संशोधित अधिनियम में इस तरह का प्रावधान भी है कि अगर कंडक्टर मदद करने के बहाने महिला यात्री को छूने की कोशिश करता है। तो उसे भी सजा मिलने का प्रावधान है। कंडक्टर महिला यात्रियों पर कोई मजाक कर देता है, तो यह भी अपराध के अंतर्गत आता है।
नियम के हिसाब से, कंडक्टर को अपने पास एक शिकायत पुस्तिका रखनी होगी, इसमें यात्री अपनी शिकायतों को दर्ज कर सकते हैं। अगर आवश्यक हो तो इस शिकायत पुस्तिका को मोटर वाहन प्राधिकरण या पुलिस के समक्ष रख सकते