आज उत्तरकाशी मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद, ड्रिलिंग का काम शुरू

बीते गुरुवार रातभर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का दोबारा शुरू हो पाएगी। ऑगर मशीन का बेस हिलने के चलते ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल गया था। वहीं सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को आज 13वां दिन हो चुका है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम के स्टील पाइपों से 51 मीटर तक एस्केप टनल तैयार की जा चुकी है।

 रेस्क्यू अधिकारी ने बताई ड्रोन तकनीक की खासियत

बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह (ड्रोन) नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकती है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस का नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है।

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