भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपना परचम लहरा दिया है, उन्होंने पुरुष एकल के फाइनल में मलेशिया एंग जे यॉन्ग को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है, लक्ष्य सेन का राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला पदक है, इस साल थॉमस कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे लक्ष्य पिछले एक साल में भारत के टॉप शटलर बनकर सामने आए हैं, उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य की सफलता की कहानी काफी रोचक है।
आखिर कौन है लक्ष्य सेन
लक्ष्य सेन का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में 16 अगस्त, 2001 को हुआ था, लक्ष्य सेन अब तक स्पेन में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं, तो वहीं, जर्मन ओपन में सिल्वर मेडल, आल इंग्लैंड टूर्नामेंट में सिल्वर, दिल्ली में हुए इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल और थॉमस कप में टीम को गोल्ड मेडल मिला है।
लक्ष्य सेन ने चार साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था, लक्ष्य की 10वीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के बीयरशिवा स्कूल में ही हुई, लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पितामह कहा जाता है, लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के नामी कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं, लक्ष्य सेन ने 10 वर्ष की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था, वहीं लक्ष्य सेन के बड़े भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
पिता की राय हमेशा उसके पुत्र को उन्नति के मार्ग पर ले जाती है
लक्ष्य सेन को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए उनके पिता डीके सेन ने दिन-रात एक कर दिया, डीके सेन ने अपने दोनों बेटों को बेहतर बैडमिंटन खिलाड़ी बनाने के लिए अल्मोड़ा तक छोड़ दिया और बेंगलुरु चले गए, हालांकि, अल्मोड़ा से उनका रिश्ता अब भी है और लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद वहां गए भी थे।
सीएम धामी ने ट्वीट कर लक्ष्य सेन को दी बधाई
लक्ष्य सेन के राष्ट्रमंडल खेलों में मैन बैडमिंटन में गोल्ड जीतने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बधाई दी, सीएम धामी ने ट्वीट कर लिखा कि शाबास लक्ष्य…उत्तराखण्ड के सपूत लक्ष्य सेन जी को कॉमनवैल्थ गेम 2022 की बैंडमिंटन प्रतिस्पर्धा में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई, आपने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है, हमें आप पर गर्व है।