देहरादून सी.एम हाउस कूच कर रहे सफाईकर्मियों को पुलिस ने बैरिकेंगड लगाकर रोक दिया। जिसके बाद नाराज प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गए। मालूम हो कि मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान राजपुर रोड पर पुलिस से सफाई कर्मियों की तीखी नोकझोंक भी हुई। सफाई कर्मचारी उत्तराखंड में ठेकेदारी प्रथा बंद करने सहित कई मांगों को लेकर मार्च कर रहे थे। पुलिस द्वारा आगे न बढ़ने देने से नाराज सफाई कर्मियों ने बैरिकेडिंग के पास ही सी.एम का पुतला दहन कर दिया। आपको बता दें कि सफाईकर्मी .कोरोना काल में ड्यूटी में कार्यरत और कोरोना से शहीद हुए सफाई कर्मियों के आश्रितों को शहीदों जैसे सम्मान पत्र देते हुए 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग के साथ अन्य मांगों की भी तख्तिया साथ में लिए हुये थे। उनकी मुख्य मांगें थीं।………… .कमेटियों की सिफारिश को लागू करते हुए शासनादेश जारी किए जाएं। .मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन कर वन टाइम सेटलमेंट कानून, नियमावली 2013-20116 के शोषणकारी प्रावधान को समाप्त किया जाए। .सभी सरकारी विभागों में सफाई कार्यों से ठेकेदारी प्रथा समाप्त करते हुए संविदा पर सफाई कर्मियों को नियुक्त कर सम्मानजनक वेतन दिया जाए। .घरों में काम करने वाले गृह सेवकध्सेविका को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण से बचाने के लिए श्समग्र विकास नीतिश् बनाने का शासनादेश जारी किया जाए। .सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सफाई कर्मियों का शोषण रोकने के लिए उत्तराखंड सफाई सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड का गठन करने के आदेश जारी किए जाएं। . उत्तराखंड में सीवर लाइनध्गड्ढों में मृत हुए कार्मिकों ;मैन्युअल स्क्वेंजर्सद्ध के आश्रित को 10.10 लाख का मुआवजा व अन्य लाभ दिया जाए। . राज्य गठन से सम्पत्ति की अनिवार्यता हटाते हुए अनुसूचित जाती प्रमाण पत्र दें।