देहरादून:- पॉलिथीन कचरे के निस्तारण के लिए कैंट बोर्ड देहरादून की ओर से पॉलिथीन कचरा बैंक की स्थापना की है। जहां पर तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से पॉलिथीन कचरे को लिया जा रहा है। दो बैंक गढ़ी और तीसरा प्रेमनगर में खोला गया है। गढ़ी स्थित कचरा बैंक का रविवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उद्घाटन किया।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा। इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाए जाएंगे। कहा कि इन संग्रहण केंद्रों में पॉलिथीन अपशिष्ट जैसे बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड के रैपर आदि तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे। कहा कि गढ़ी कैट में बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म और प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पाॅलिथीन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह प्रारंभ कर दिया जाएगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पाॅलिथीन कचरा खरीदने का लक्ष्य है।
कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पाॅलिथीन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार हैं और न बाजार। कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, कांच आदि को उठा लेते हैं पर पाॅलिथीन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। कहा कि पाॅलिथीन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा। बताया कि पाॅलिथीन आदि से दुर्गन्ध नहीं आती है। लोग 15-20 दिन का पॉलिथीन कचरा एक साथ इकट्ठा कर बेच सकते हैं। इस मौके पर अध्यक्ष छावनी परिषद ब्रिगेडियर अनिर्वन दत्ता, सीईओ शायना ईको यूनिफाइड कंपनी के डायरेक्टर नितिन आदि उपस्थित रहे।
कैंट बोर्ड की ओर से छावनी परिषद ने सैन्य क्षेत्र की आरडब्ल्यूए ( रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन) के बीच में पॉलिथीन और ई-वेस्ट कलेक्शन कंपीटीशन करवाया था। जिसके विजेताओं को भी शहरी विकास मंत्री ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।