विधानसभा चुनाव.2022 के आगाज के साथ ही उत्तराखण्ड मे भाजपा और कांग्रेस में गहन मंथन और सीटों के समीकरण बैठाने के साथ ही उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया भी अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है। आपको बता दें कि उम्मीदवार का चयन करते-करते दोनों ही पार्टी भावी असंतोष की चिंता से भी हलकान हैं। जैसा की मालूम है कि टिकट पाने से महरूम नेताओं के बगावती तेवरों का भी खतरा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में कई सीटों पर एक से ज्यादा उम्मीदवारों का दावा है। ऐसे में जिनका टिकट कटेगा उनमें ज्यादातर को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। दूसरी तरफ कमजोर प्रदर्शन वाले विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर भाजपा में भी यही खतरा मंडरा रहा है।
आपको बता दें भाजपा 2022 के विधानसभा चुनावों में साठ पार का नारा लगा रही है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटने जा रही है। जाहिर है इससे पार्टी में बगावत का खतरा पैदा हो गया है। हालांकि इस संभावित बगावत को थामने के लिए पार्टी ने अभी से कमर कस ली है। खबर है कि इन सीटों पर भाजपा विधायकों का टिकट काटकर किसी अन्य को चुनाव मैदान में उतार सकती है।
ऐसे में पार्टी में बगावत और टकराव की स्थिति को नजरअन्दाज भी नहीं किया जा सकता है। इस आशंका को देखते हुए पहले से ही तैयारी शुरू की जा चुकी है। सांसदों के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी कठित होगी जो संभावित बगावत को रोकने के लिए काम करेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आठ से दस सीटों पर पार्टी को प्रत्याशियों के ऐलान के बाद बगावत या विरोध की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।