Warning: Undefined array key "HTTP_REFERER" in /home/u141101890/domains/parvatsankalpnews.com/public_html/wp-content/themes/newscard/newscard.theme#archive on line 43

बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण

उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल में आयोजित कुमाऊं मंडल के बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन अपर सचिव, महिला कल्याण प्रदीप सिंह रावत ने कहा कि शासन का लक्ष्य था कि समस्त जिलों में बाल संरक्षण की सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन हो, जिसे सार्थक करने का दायित्व अब बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड का है। प्रतिभागियों को  शुभकामनाएं  देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में खुलकर अपनी जिज्ञासाएं प्रकट करें।

प्रथम दिवस पर डॉ कंचन नेगी, अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक ने सोशल मीडिया के कारण बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड की बदलती भूमिकाओं पर चर्चा की तथा बच्चों के साथ नियमित वार्तालाप करने एवं सोशल मीडिया के दुरूपयोग से सजग रहने के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी।

तकनीकी सत्र में प्रशिक्षक प्रो0 ओमकार नाथ तिवारी ने किशोर न्याय बोर्ड की परिभाषा, दायित्वों, शक्तियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बच्चों से जुड़े लगभग 250 कानून हैं, जिनमे किशोर न्याय अधिनियम 2015 व निगम 2016 सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं।

भूपेंद्र सिंह शाह, सहायक निदेशक, उजाला अकादमी भवाली ने पोक्सो, बाल विवाह अधिनियम, अनैतिक व्यापार अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम पर चर्चा करते हुए कानूनों के क्रियान्वयन में व्यवहारिक कठिनाइयों पर प्रकाश डाला व समिति/बोर्ड के प्रतिनिधियों का ध्यान किशोर न्याय नियमावली 2016 के महत्वपूर्ण भागों की ओर आकर्षित किया।

जिला प्रोबेशन अधिकारी अंजना गुप्ता/कुमारी व्योमा जैन व विधि अधिकारी समीक्षा शर्मा ने महिला कल्याण की संस्थाओं का परिचय, स्पांसरशिप, पी एम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, स्ट्रीट चिल्ड्रन का पुनर्वास, बाल स्वराज पोर्टल आदि विषयों पर चर्चा की तथा प्रतिभागियों के प्रश्नों की उत्तर दिए।

प्रो0 ओमकार नाथ तिवारी ने समिति व बोर्ड को आदेश लिखने का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया। समस्त प्रतिभागियों को 06 समूहों में बांटकर इस विषय पर प्रस्तुतिकरण करवाया गया कि ” परिवर्तित होती तकनीक व समय में क्या जुवेनाइल की आयु 18 वर्ष से घटाकर 14 वर्ष करनी चाहिए”  सभी समूहों ने उत्साह के साथ इस चर्चा में भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *