उत्तराखण्ड के मुखिया धामी विधायक भी रहे उसके बाद सी.एम बने और अब फिर उनके सिर पर सत्ता का ताज है लेकिन दुःख की बात है कि उनके पैतृक गांव का हाल बेहाल है। भले ही भाजपा की देवभूमि में डबल इंजन की सरकार हो लेकिन दूरस्थ क्षेत्र के गांवों का बुरा हाल है।आपको बता दें कि पिथौरागढ़ के कनालीछीना के दूरस्थ गांव हड़खोला में स्वास्थ व्यवस्था लचर है तो वहीं लोगों को कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ता है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से 32 किमी दूर सीएम पुष्कर धामी का पैतृक गांव हड़खोला है इस गांव में समस्याओं बहुत बजनी गठरी है। हालांकि उनके पहली बार सीएम बनने के बाद किसी तरह गांव तक सड़क बन पाई है लेकिन अब भी उनके गांव को जोड़ने वाली तकरीबन पांच किमी सड़क में डामरीकरण नहीं हो सका है लिहाजा गांव के लोग कच्ची सड़क में हिचखोले खाने को मजबूर हैं।
वहीं धामी के पैतृक गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं हाल बेहाल है। आलम ये है कि गांव के लोगों को मामूली उपचार के लिए भी 7 किमी दूर ऐलोपैथिक चिकित्सालय रणगांव का मुह देखना पड़ता है। वहीं गांव के सबसे पास डीडीहाट कम्युनिटी हैल्थ सेन्अर व कनालीछीना प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से गर्भवती महिलाओं के सामने जिला मुख्यालय का मुह देखना पड़ता है फिर भी इतनी समस्याओं का दर्द भूलकर उनके गांव के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं है क्योंकि उनके चेहरे पर अपने गांव के बेटे के मुख्यमंत्री बनने की खुशी के साथ आशा की किरण जगी है कि अबकी बार उन्हें उनके गांव की समस्याओं से छुटकारा मिल जायेगा।