ग्रेटर नोएडा और अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी के साथ जल्द ही सिस्टर सिटी एग्रीमेंट (शहरों का जुड़ाव) होने जा रहा है। इससे ग्रेटर नोएडा में आर्थिक, शैक्षणिक, व्यापारिक आदि क्षेत्रों में निवेश की राह खुलेगी। अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी का प्रतिनिधि मंडल ग्रेनो प्राधिकरण में आया था। यहां पर उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों ने अपने प्रोजेक्टों का प्रस्तुतीकरण दिया। अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल ने जल्द ही निवेश करने का आश्वासन दिया है। मंगलवार को अपने ग्रेटर नोएडा दौरे के दौरान लाउडाउन काउंटी प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, सड़क बुनियादी ढांचे, मेट्रो कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे, हरियाली, बड़ी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, डेटा सेंटर हब आदि के बारे में बताया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि ग्रेटर नोएडा जल्द ही अमेरिका के लाउडाउन काउंटी के साथ एक ‘सिस्टर सिटी’ का समझौता कर सकता है। इस समझौते से उनके साथ बड़े पैमाने पर निवेश, शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का रास्ता खुल सकेगा। अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में और वाशिंगटन डीसी से लगभग 70 किमी दूर लाउडाउन काउंटी के प्रतिनिधियों की एक टीम मंगलवार को ग्रेटर नोएडा में थी।
अधिकारियों के मुताबिक सिस्टर सिटी एग्रीमेंट (शहरों का जुड़ाव) दो शहरों के बीच शिक्षा, व्यवसाय, संस्कृति, बायोटेक, कृषि, फार्मास्युटिकल, सूचना और प्रौद्योगिकी आदि के सीधे आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। ग्रेटर नोएडा दौरे के दौरान लाउडाउन काउंटी प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, सड़क बुनियादी ढांचे, मेट्रो कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे, हरियाली, बड़ी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, डेटा सेंटर हब आदि के बारे में बताया। इसमें प्रतिनिधिमंडल को ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक एकीकृत टाउनशिप, एक आगामी मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के बारे में भी बताया गया। GNIDA ने कहा कि रेजर ने डेटा सेंटर, शैक्षिक विकास, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना व्यक्त की है।
सबसे पहले भी हुआ था इन दो शहरों के बीच समझौता GNIDA के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ‘सिस्टर सिटी’ समझौते को जल्द लागू करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से तेज प्रयासों का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों के साथ-साथ व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए एक कुशल उपकरण के रूप में भागीदार देशों के साथ ट्विन/सिस्टनर समझौते में लगी हुई है।
रिकॉर्ड के अनुसार, इस तरह का पहला समझौता वाराणसी और काठमांडू बीच, उसके बाद 2014 में अयोध्या और जनकपुर के बीच हो चुका है। इससे पता चला कि 2016 में आगरा और चेंगदू (चीन) और 2017 में लखनऊ और वेनझोउ (चीन) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस दौरे के दौरान लाउडाउन काउंटी के आर्थिक विकास विभाग के कार्यकारी निदेशक बडी राइजर के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के सीईओ एन जी रवि कुमार और अतिरिक्त सीईओ मेधा रूपम से मुलाकात भी की। जीएनआईडीए ने एक बयान बताया कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ‘सिस्टर सिटी’ समझौते के लिए कई शर्तों को अंतिम रूप देने को लेकर चर्चा की है। जीएनआईडीए ने कहा कि मसौदा समझौते में दोनों पक्षों की ओर से कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिसके बाद जल्द ही सरकार से मंजूरी लेकर एक समझौता ज्ञापन बनाया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसके लिए प्रयासरत है।
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