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राजद्रोह कानून निरस्त होना चाहिए :शरद पवार

इस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में राजद्रोह केस का खूब जिक्र हो रहा है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने नवनीत राणा पर राजद्रोह का केस लगाया है इन सबके बीच इसी राजद्रोह केस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बयान सामने आया है। दरअसल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भीमा कोरेगांव कमीशन को एक पत्र लिखा है इस पत्र में उन्होंने कहा है कि 124ए,(राजद्रोह) को निरस्त कर दिया जाना चाहिए।

खबर है कि शरद पवार ने भीमा कोरेगांव जांच कमीशन को बुधवार को एक एफिडेविट दिया था इसमें कहा गया था कि भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 124ए (राजद्रोह) को खत्म कर देना चाहिए। इस धारा को निरस्त करने की मांग करते हुए पवार ने कहा कि मेरे पास ऐसा कहने की वजह है क्योंकि आईपीसी के प्रावधान और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पर्याप्त हैं।

पवार ने 11 अप्रैल को जांच आयोग को अतिरिक्त हलफनामा भेजा था, जिसकी प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुई है। पवार ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दोहराया कि उन्हें एक जनवरी 2018 को पुणे में कोरेगांव.भीमा युद्ध स्मारक पर हुई घटना के लिए जिम्मेदार घटनाक्रम की निजी तौर पर कोई जानकारी या सूचना नहीं थी। हलफनामे में कहा गया है, ‘मेरे पास किसी भी राजनीतिक एजेंडे या इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीछे के उद्देश्य के खिलाफ कोई आरोप नहीं है।‘ राकांपा प्रमुख ने अपने हलफनामे में कहा कि राजद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए का दुरुपयोग संशोधनों के जरिए रोका जाना चाहिए या इस धारा को रद्द किया जाना चाहिए।

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