रेलवे मंत्रालय ने ‘वंदे भारत स्लीपर’ ट्रेन को दो महीने के भीतर पटरी पर उतारने का फैसला लिया

केंद्र में एनडीए सरकार के गठन के साथ रेलवे मंत्रालय ने बहुप्रतीक्षित ‘वंदे भारत स्लीपर’ ट्रेन को दो महीने के भीतर पटरी पर उतारने का निर्णय लिया। साथ ही अधिकारियों को दो ट्रेनों के बीच टक्कर रोकने के लिए कवच उपकरण लगाने, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को गति देने और आम लोगों की अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के एजेंडे पर काम करने का निर्देश दिया गया है।

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का रैक बनकर तैयार है। ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी। यह विदेशों में चलने वाली ट्रेन से कम नहीं होगी। 100 दिन के एजेंडे में वंदे मेट्रो को भी चलाने की योजना को शामिल किया गया है। दो वंदे मेट्रो का रैक बनकर तैयार है। इसका ट्रायल रन जल्द ही शुरू होना है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में करीब 310 किलोमीटर तक पटरी बिछाने को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
वैष्णव ने यह भी कहा कि हर दिन करीब 15 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे ने 5,300 किलोमीटर नई पटरी बिछा कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विनिर्माण कार्य पर जोर इसलिए भी दिया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सके और वेटिंग टिकट की समस्या कम हो सके। गर्मी के मौसम में रेलवे ने 19,837 स्पेशल ट्रेन चलाकर रिकॉर्ड बनाया है। इन ट्रेनों से अतिरिक्त चार करोड़ लोगों ने सफर किया। ट्रेन यातायात को सुरक्षित करने के लिए 6000 किलोमीटर ट्रैक को कवच से लैस किया जा रहा है।

 

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