लालू यादव की पार्टी का आरोप, मोदी सरकार ने नालंदा के लिए नहीं किए कोई महत्वपूर्ण काम, पेश किए सबूत

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में दी गई नौकरियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन नहीं बताकर 28 जनवरी तक उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव का विजन बताया था। अब राजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नालंदा विश्वविद्यालय का क्रेडिट लेने के लिए घेरा है। राजद ने कुछ दस्तावेज जारी कर दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का नालंदा विश्वविद्यालय में योगदान नहीं है और उन्होंने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का क्रेडिट चुरा लिया है। राजद ने कहा है कि नालंदा विश्वविद्यालय का नया रूप राजद समर्थित केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के विजन का परिणाम था।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी आज नालन्दा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करने राजगीर आए थे तो लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें प्रधानमंत्री बनाने में बिहार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। खास तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के समर्थन देने से ही केन्द्र में एनडीए की सरकार बनी है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री जी जब पहली बार बिहार आ रहे हैं तो निश्चित रूप से बिहार के लिए कोई तोहफा जरुर लाए होंगे। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस नालन्दा विश्वविद्यालय के नए भवन का वह लोकार्पण करने आए थे, वह राजद के समर्थन वाली केन्द्र की यूपीए सरकार की देन है।  यूपीए सरकार के समय ही संसद द्वारा 2010 में पारित ‘ नालन्दा विश्वविद्यालय विशेष अधिनियम ‘ के द्वारा इसकी स्थापना की गई थी, पर प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में एक बार भी न तो इसका उल्लेख किया और न ही इस विश्वविद्यालय के लिए ही कोई विशेष पैकेज देने की बात कही।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पता नहीं किस मजबूरी में प्रधानमंत्री के समक्ष पहले की तरह खुले मंच से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज और पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग अब नहीं करते हैं। जबकि अब तो नीतीश कुमार जी के समर्थन से हीं नरेन्द्र मोदी जी पुनः प्रधानमंत्री बने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पटना विश्वविद्यालय आए थे तो मुख्यमंत्री जी ने पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग की थी हालांकि प्रधानमंत्री जी ने उनके मांग का कोई नोटिस नहीं लिया था और न अबतक ही लिया है। हालांकि पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा करने का आज एक अच्छा अवसर था।

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