शटलर लक्ष्य सेन को बीते दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है। यह अवार्ड मिलने से लक्ष्य के गृहक्षेत्र अल्मोड़ा के क्षेत्रवासियों में हर्ष व्याप्त है। खेलप्रेमियों ने कहा कि लक्ष्य को अर्जुन अवार्ड मिलने से नवोदित खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। लक्ष्य ने अपना यह अवार्ड कच्ची उम्र में बैडमिंटन हाथ में थमाने वाले दादा सीएल सेन को समर्पित किया है। सीएम धामी ने भी लक्ष्य को इस उपलब्धि पर ट्विटर पर बधाई दी है।
16 अगस्त 2001 को अल्मोड़ा में जन्मे शटलर लक्ष्य सेन मूलरूप से जिले के सोमेश्वर के ग्राम रस्यारा निवासी हैं। 80 वर्षों से अधिक समय से उनका परिवार अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में रहता हैं। उनके दादाजी सीएल सेन जिला परिसर में नौकरी करते थे। दादा ने सर्विसेस में राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहीं कई खिताब अपने नाम किए। जबकि पिता डीके सेन भी वर्तमान में कोच हैं।
छह साल की उम्र से खेलने लगे थे बैडमिंटन
छह वर्ष की उम्र में मैदान पर उतर बैडमिंटन पकड़ने वाले लक्ष्य सेन को उनके दादा सीएल सेन ने ही बैडमिंटन की एबीसीडी से रूबरू कराया था। इसके बाद पिता की शागिर्दिगी में पूरी दुनिया में लक्ष्य ने जो नाम कमाया, उसे बताने की जरूरत नहीं। यह लक्ष्य की कामयाबी ही है कि आज देश के अर्जुन बन गए हैं। लक्ष्य ने जिला, राज्य के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम किए।
इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पैठ जमाई। बुधवार को लक्ष्य को जब राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड दिया तो लक्ष्य ने इसे बैडमिंटन हाथ में थमाने वाले दादा को समर्पित कर दिया।
खेल प्रेमियों में खुशी
लक्ष्य की इस उपलब्धि पर उतरांचल बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक, सचिव बीएस मनकोटी, जिलाध्यक्ष प्रशांत जोशी, सचिव संतोष बिष्ट, गोकुल मेहता, जगमोहन फर्त्याल, सुरेश कर्नाटक, प्रतीक मेहरा, विजय प्रताप सिंह, जिला क्रीड़ा अधिकारी अरुण बंग्याल आदि समेत खेल प्रेमियों ने खुशी जताई है।
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