कानपुर:- कानपुर में मीट दुकानदार को पीटने के आरोपी एसओ सीसामऊ हिमांशु चौधरी, सब्जी दुकानदार के उत्पीड़न के आरोपी चकरपुर मंडी चौकी इंचार्ज समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद आचार संहिता हटते ही इनपर कार्रवाई की गई है। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। बता दें चकरपुर मंडी चौकी के प्रभारी की प्रताड़ना से आजिज होकर सब्जी दुकानदार ने जान दे दी थी।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान हुए विभिन्न घटनाक्रमों में पुलिसकर्मियों के व्यवहार ने विभाग के दामन को दागदार किया था। 29 मई को बर्रा में मीट देने से इन्कार करने पर रतनलालनगर निवासी दुकानदार शुभम सिंह गौतम को एसओ सीसामऊ हिमांशु चौधरी और ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा अरुण कुमार ने पीट दिया था। इसी तरह सचेंडी में फेसबुक पर वीडियो शेयर कर दरोगा सतेंद्र कुमार यादव व कांस्टेबल अजय कुमार यादव पर वसूली और प्रताड़ना का आरोप लगाकर सब्जी विक्रेता सत्यम ने आत्महत्या कर ली थी। दरोगा व सिपाही के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ था। रावतपुर थाने में तैनात दरोगा सचिन कुमार मोरल पर शादीशुदा होते हुए शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ। तीनों ही मामलों में प्रारंभिक जांच हुई लेकिन आचार संहिता की वजह से विभागीय कार्रवाई नहीं हो सकी। आचार संहिता हटने के बाद इन तीनों के अलावा आठ अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।
इसके साथ ही जूही थाने में तैनात दरोगा कुलदीप यादव पर कोर्ट की आदेशों की अवहेलना करने, शास्त्रीनगर चौकी इंचार्ज तेज प्रकाश सिंह पर विवेचना के दौरान पीड़ित से अनुचित लाभ लेने, फेथफुलगंज चौकी इंचार्ज पंकज जायसवाल व चकेरी थाने में तैनात दरोगा पंकज मिश्रा पर विवेचना में लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। वहीं किदवईनगर थाने में तैनात सिपाही मोहम्मद इमरान की कार्यशैली से पुलिस की छवि धूमिल हुई। घाटमपुर के आरक्षी पैरोकार हरविंदर सिंह पर कोर्ट से फाइल लेकर समय से जमा न करने के आरोप लगा था। विवादित पुलिसकर्मियों की सूची बनाई जा रही है। सभी को निलंबित कर उनके खिलाफ भी विभागीय जांच कर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।– हरीश चंदर, एडिशनल सीपी