ये मिसाल तो आप ने सुनी ही होंगी महिलाएं किसी से कम ने चाहे वह बात काम की हो या परिश्रम की, नौकरी की हो या परिवार की आर्थिक हालात को सही करने की, वहीं आज दो महीने की ट्रेंनिग के बाद 11 महिलाएं राजघाट डिपो से बसों को लेकर कई मार्गों के लिए रवाना होंगी, महिला चालकों के पहले बैच का प्रशिक्षण पूरा होने पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सभी को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद बधाइयां दी। उन्होंने कहा कि इस पहल से महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ साथ उनके लिए रोजगार संभावनाएं भी बढ़ेंगी। अगले कुछ महीनों में 200 महिला चालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
राजघाट डिपो पहुंचने के बाद परिवहन मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि यह महिला चालकों का पहला बैच है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें डिपो के साथ साथ अनुभवी चालकों के साथ सड़कों पर भी ड्राइविंग का मौका दिया गया। फिलहाल 10 और महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं। यात्रियों की सहूलियत और बसों की कमी दूर करने के लिए आज से एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर 100 इलेक्ट्रिक बसें उतारी जाएंगी। पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस, महिलाओं के लिए अलग सीट और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाओं से युक्त बसें राजघाट डिपो से अलग अलग मार्गों पर रवाना होंगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 100 लो फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। इससे कई रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को काफी राहत होगी। इससे पहले दिल्ली में 150 ई- बसें यात्रियों को सेवाएं मुहैया कर रही हैं। 100 और नई बसों के दिल्ली के परिवहन बेड़े में शामिल होने से इनकी संख्या बढ़कर करीब 250 हो जाएंगी। दिल्ली की ट्रैफिक में बस चलाने का अच्छा अनुभव मिला। बबीता धवन, कोमल चौधरी, नीतू, संतोष, भारती, दीपक, शर्मिला सहित सभी 11 महिला चालकों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली में वाहनों का अधिक बोझ है। ट्रेनिंग के दौरान सभी पहलुओं पर जानकारी देने सहित बस चलाने का अनुभव हासिल किया।
11 महिला चालकों में 80 फीसदी से अधिक हरियाणा की रहने वाली हैं। शर्मिला ने राजघाट डिपो में बस चलाने के बाद कहा कि पहले से ड्राइविंग करती रही हूं। चरखी दादरी की भारती ने मुझे खेतों में ट्रैक्टर सहित कई वाहनों को चलाने का अनुभव है। नीतू ने कहा कि सड़कों पर सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता रहेगी। सान्या ने कहा कि मैं 13 वर्ष की उम्र से ड्राइविंग कर रही हूं।