उत्तराखंड में फर्जी “जाति प्रमाणपत्र” से नौकरी पाने वाली महिला अफसर “बर्खास्त”, बाल विकास विभाग के निदेशक हरिश्चंद्र सेमवाल ने जारी किए आदेश 

देहरादून:-  उत्तराखंड में फर्जी जाति प्रमाणपत्र से नौकरी पाने वाली महिला अफसर को शासन ने जांच के बाद बर्खास्त कर दिया है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक हरिश्चंद्र सेमवाल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश से फर्जी दस्तावेजों और जाति प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास निदेशालय ने आज जसपुर ऊधमसिंहनगर की बाल विकास परियोजना अधिकारी लक्ष्मी टम्टा को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं।आरोप है की लक्ष्मी टम्टा ने अनुसूचित जाति के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पाई थी। इस संबंध में विभिन्न स्तरों से हुई जांच के आधार पर आरोपों की पुष्टि हुई थी। आरोप है कि 1988 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लक्ष्मी ने नौकरी पाई थी। जांच में यह बात भी आई कि जाति वह पंत यानी ब्राह्मण थी, लेकिन पति की जाति टम्टा के आधार पर बनाया था दूसरा प्रमाण पत्र। अब इनसे रिकवरी और अपराधिक धारा में मुकदमा भी हो सकता है दर्ज। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास निदेशालय के निदेशक हरिशचंद्र सेमवाल ने महिला अफसर का बर्खास्तगी का आदेश जारी करते हुए लिखा कि इस मामले में फर्जी एवं धोखाधड़ी से प्रमाणपत्र हासिल करने को लेकर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई भी पृथक से की जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह मामला हाईकोर्ट में भी गया था, जिसके बाद शासन ने कई स्तर पर हुई जांच के बाद बड़ा फैसला लिया है। देखिए महिला अफसर की बर्खास्तगी का पूरा आदेश

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