उत्तराखंड में इन दिनों अवैध अतिक्रमण का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी भूमि अतिक्रमण मामले में सख्त रुख अख्तियार कर रहे है। देवभूमि कहे जाने वाली भूमि पर कई स्थानों पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए जिसे लेकर मुख्यमंत्री धामी ने अहम कदम उठाया है, साथ ही लोगों ने भी मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले का तह दिल से स्वागत किया है।
गढवाल मण्डल का सौंदीर्यकरण करने के साथ-साथ धामी सरकार कुमाऊ मण्डल में भी सौंदीर्यकरण कर रही है। वहीं सरोवर नगरी कहे जाने वाले नैनीताल शहर के बीचों बीच शत्रु संपत्ति मेटीपॉल होटल और आस-पास की जमीनों पर अवैध कब्जे जमाए बैठे परिवारों को मुख्यमंत्री धामी की निर्देशानुसार डीएम ने लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। डीएम ने अवैध कब्जेदारों को गृह मंत्रालय की जमीन को तुरंत खाली करने का फरमान सुनाया है।
जानकारी के मुताबिक शत्रु संपत्ति जो की नैनीताल कल्ब, हाई कोर्ट परिसर के पास है, वहां 173 मुस्लिम परिवारों ने अवैध कब्जे किए हुए है, इनमें से 128 को डीएम धीराज गर्ब्याल के निर्देश पर एसडीएम राहुल शाह ने नोटिस दे दिया है, शेष 45 को एक दो दिन में नोटिस मिल जाएगें।
डीएम धीराज गर्ब्याल के मुताबिक नैनीताल शहर में मेट्रोपाल होटल परिसर जोकि गृह मंत्रालय के अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है। यहां बाहरी क्षेत्रों से आए लोगों ने सरकार की जमीन पर अवैध कब्जे किए हुए है। इसे खाली करने के लिए नोटिस दिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि उक्त सरकारी जमीन पर अतिक्रमण चिह्नित किया गया है। इसे खाली कराने के लिए हमने कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। जानकारी के मुताबिक नोटिस मिलने से कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है सरकार ने शत्रु संपत्ति को विभिन्न शहरों में चिह्नित किया है, नैनीताल देहरादून हरिद्वार उधम सिंह नगर जिले में चिह्नित किया गया है, ये संपत्ति गृहमंत्रालय की है हमें केंद्र से ऐसा निर्देश मिला है कि इन संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाए जाएं और इनका उपयोग जन हित के कार्यों में किया जाए।