मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समावेशी शासन का एक नया मानक स्थापित किया है। दो साल पहले, अपने जन्मदिन पर, उन्होंने सभी विधायकों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए 10 जनहित विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आमंत्रण दिया था।मुख्यमंत्री का विकास मॉडल “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के सिद्धांत पर आधारित है। सभी दलों के विधायकों से प्रस्ताव आमंत्रित कर उन्होंने सभी नागरिकों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है। उनका दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21वीं सदी को उत्तराखण्ड की सदी बनाने के लक्ष्य से मेल खाता है।
मुख्यमंत्री के इस आह्वान पर सभी दलों के विधायकों ने लगभग 700 विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों में से मुख्यमंत्री ने अब तक 310 से अधिक प्रस्तावों के लिए आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के माध्यम से राज्य के हर कोने में विकास की एक समान धारणा को बल मिला है। इन 310 से अधिक स्वीकृत घोषणाओं में से 90 से अधिक घोषणाएं विपक्षी दलों के विधायकों द्वारा प्रस्तुत की गईं। इससे सरकार की समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए राजनीति से ऊपर राज्य के समग्र विकास का महत्व है।
इन सभी परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर०के० सुधांशु ने सभी विभागीय सचिवों को सख्त निर्देश दिए हैं कि विधायकों के प्रस्तावों के आधार पर की गई घोषणाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए।