देहरादून। रविवार रात राजधानी देहरादून ने ऐसा खौफनाक मंजर देखा जिसने शहर को दहला दिया। मात्र तीन घंटे में 264 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसे बादल फटने (Cloudburst) की श्रेणी में माना जा रहा है। अचानक हुई इस भीषण वर्षा ने शहर को मानो थामकर हिला दिया।
पुल बह गए, नाले उफान पर, घरों में घुसा पानी
भारी बारिश से नदियां और नाले उफान पर आ गए। कई छोटे-बड़े पुल बह गए, जबकि कुछ जगहों पर सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। रिस्पना नदी और प्रेमनगर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित दिखे। प्रेमनगर में एक बड़ा पुल पानी के तेज बहाव में बह गया। वहीं रिस्पना नदी के किनारे बसे कई वार्डों में घरों और दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।रातभर लोगों ने डर और दहशत में समय गुजारा। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। जगह-जगह गाड़ियां पानी में डूबी दिखीं तो कहीं लोगों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया।
प्रशासन और सरकार अलर्ट मोड पर
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बारिश की तीव्रता और क्षति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। विभिन्न विभागों को नुकसान का विस्तृत आंकलन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि विशेष आर्थिक सहायता की मांग की जा सके।
बिजली और संचार व्यवस्था चरमराई
बारिश और जलभराव के कारण कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। अंधेरे में डूबे मोहल्लों में लोग रातभर परेशान रहे। आयुक्त ने कहा कि बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम युद्धस्तर पर जारी है और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल कर दी जाएगी।
लोगों का दर्द – “ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा”
स्थानीय निवासियों ने कहा कि ऐसी बारिश उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। अचानक हुए जलभराव और बहते मलबे ने उन्हें घरों से बाहर निकलने तक का मौका नहीं दिया। कई बुजुर्गों ने बताया कि “जीवन में पहली बार इतनी कम समय में इतनी तबाही मचाने वाली बारिश देखी।”
राहत कार्य जारी
NDRF और SDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। मलबा हटाने, फंसे हुए लोगों को निकालने और आवश्यक सुविधाएं बहाल करने का काम लगातार जारी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे जाने से बचें और अलर्ट रहने की कोशिश करें।