देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जबकि मैदानी हिस्सों में जलभराव के कारण लोगों को रोजमर्रा की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की जनहानि और संपत्ति के नुकसान को रोकना है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में व्यवस्थाओं को तुरंत बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रशासन की मशीनरी को दुरुस्त रखना जरूरी
डीएम ने आगे कहा कि आपदा प्रबंधन की सफलता के लिए प्रशासन की मशीनरी, फोर्सेस और आवश्यक सेवाओं को पूरी तरह तैयार रखना बेहद महत्वपूर्ण है। कंट्रोल रूम में अधिकारियों की नियमित ड्यूटी लगाई जा रही है, ताकि क्षेत्र में आने वाली शिकायतों और वास्तविक फील्ड की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा सके।
संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी
भूस्खलन और जलभराव की संभावना वाले संवेदनशील क्षेत्रों पर प्रशासन विशेष नजर रख रहा है। डीएम बंसल ने बताया कि रिस्पॉन्स टाइम को और अधिक सुनियोजित किया जा रहा है ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित राहत और सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की है, लेकिन उनका कहना है कि बारिश लगातार जारी रहने के कारण सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रशासन भी लगातार संपर्क में रहकर प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए तैयार है। इस स्थिति में नागरिकों से अपील की गई है कि अनावश्यक जोखिम न लें, भूस्खलन और जलभराव वाले इलाकों में यात्रा से बचें और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों का प्रयोग करें। उत्तराखंड में मौसमी बदलाव और बारिश के चलते प्रशासन और जनता के बीच यह तालमेल सुरक्षा और जीवनरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।