खेल मंत्री का कंबल वितरण समारोह हुआ वायरल, ठंड में न देकर गर्मी में देने पर उठे सवाल

बिहार:-  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक मंत्री खूब चर्चा में है। कारण यह है कि उन्होंने गर्मी में कंबल बांट दिया। यह मंत्री कोई और नहीं बल्कि बेगूसराय से बछवाड़ा के भाजपा विधायक और बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता हैं। अब पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की पार्टी उनके इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर तंज कस रही है और नीतीश सरकार पर तंज कस रही है। इससे सियासत गरमा गई है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर मंसूरचक प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत-दो स्थित अहियापुर गांव में उन्होंने कंबल वितरण किया। उक्त कार्यक्रम में पांच सौ से ज्यादा लोगों को कंबल दिए गए। कार्यक्रम खत्म हो गया। लोग भी कंबल लेकर अपने घर चले गए। इसके बाद खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने कार्यक्रम की दस तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा की।

उन्होंने लिखा कि भाजपा के 40वें स्थापना दिवस पर अंत्योदय और राष्ट्र निर्माण की भावना से यह कार्यक्रम किया गया। उन्होंने लोगों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया है। इसी बीच किसी ने कंबल वितरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। फोटो और वीडियो में साफ दिख रहा है कि कार्यक्रम स्थल पर सैकड़ों की भीड़ जुटी थी। मंच पर मंत्री सुरेन्द्र मेहता के साथ भाजपा के कई स्थानीय नेता भी मौजूद थे। बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों के बीच कंबल बांटे गए थे।

इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि बिहार में गर्मी की बढ़ती यातना के बीच खेल मंत्री ने कंबल बांटकर मानसिक यातना का विश्व रिकॉर्ड बना दिया। राजद ने तंज कसते हुए कहा कि अब लगता है केवल मुख्यमंत्री ही नहीं, उनके सारे मंत्री भी नरभसा गए हैं। खेल मंत्री सुरेंद्र महतों ने बेगूसराय जिले के मंसूरचक प्रखंड के अहियापुर में तामझाम के साथ समारोह आयोजित कर इलाके में बीच दोपहरी कंबल वितरण कर दिया।  36- 37 डिग्री सेल्सियस की गर्मी के मौसम में चुनावी सरगर्मी में मंत्री जी ने कौड़ियों के दाम मिल रहे कंबलों को ही बांटना उचित समझा। मतलब आम के आम गुठलियों के दाम।इधर, इस मामले में खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता का कहना है कि छह अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस था और इसी मौके पर उनके द्वारा लोगों के बीच कंबल वितरण किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को काम नहीं है। गरीबों के लिए एक कंबल ही काफी है। उन्होंने कहा है कि जो लोग ऐसी में रहते हैं। वह गरीब का दर्द क्या जानें? उन्होंने कहा है कि जो झोपड़ी में रहते हैं उनसे जाकर कंबल का महत्व पूछिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *