देहरादून: आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के सुअवसर पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित “खेलों में महिलाओं की भागीदारी की एक दिवसीय कार्यशाला” में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सम्मलित हुई। वहीं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास तथा खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग द्वारा खेल को केंद्रित करते हुए बालिकाओं को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, यह सराहनीय पहल है। राज्य में बालिकाएं खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े इसके लिए राज्य में नई खेल नीति में हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए आर्थिक संकट से न गुजरना पड़े, इसके लिए नई खेल नीति में हर सुविधा देने के प्रयास किए गए है।

खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रुपए से बढ़ाकर 175 रुपए की गई है। राज्य में लगभग 3900 बच्चों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 1500 रुपए प्रति बच्चे को छात्रवृत्ति दी जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत बालिकाएं शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दी जा रही है। खुशियों की सवारी योजना के माध्यम से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद जच्चा एवं बच्चा को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।
नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में गरीब कन्याओं के लिए राज्य सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही बालिका के जन्म के समय माता- पिता को 11 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत मां और नवजात शिशु की साफ-सफाई एवं पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम के हिसाब से अलग-अलग किट प्रदान की जा रही है। राज्य में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए गौरा शक्ति एप बनाया गया है।
गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं। इस अवसर पर विधायक खजान दास, सविता कपूर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर एवं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आई बालिकाएं मौजूद थी।
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