उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसे में जीपीआर की मदद से लापता पर्वतारोहियों की तलाश शुरू

उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसे में लापता दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) द्रौपदी का डांडा-2 चोटी के समिट कैंप पर पहुंचा दिया गया है। निम के अधिकारियों ने बताया कि जीपीआर के इस्तेमाल के लिए रेस्क्यू टीम के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है जिसके बाद बुधवार (आज) से जीपीआर की मदद से लापता पर्वतारोहियों की तलाश शुरू हो जाएगी।

बीते चार अक्तूबर को द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स से जुड़े 29 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। हादसे के बाद 27 के शव बरामद किए गए जबकि नौसेना में नाविक विनय पंवार (उत्तराखंड) व लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट हादसे के बाद से लापता चल रहे हैं।

जीपीआर की मदद से लापता पर्वतारोहियों की तलाश शुरू
जीपीआर की मदद से लापता पर्वतारोहियों की तलाश शुरू

दोनों की तलाश के लिए निम ने तकनीकी मदद लेते हुए बंगलूरू से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मंगवाया है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि जीपीआर को सोमवार को बेस कैंप पहुंचाया गया था जिसके बाद मंगलवार को इसे समिट कैंप पहुंचा दिया गया है।

जीपीआर के साथ आए एक ऑपरेटर ने इसके इस्तेमाल को लेकर रेस्क्यू टीम में शामिल निम, हाई एल्टीट्यूट वॉर फेयर स्कूल (हॉज) व सेना के करीब 14 जवानों को प्रशिक्षण दिया है। बताया कि बुधवार से जेपीआर की मदद से लापता पर्वतारोहियों की तलाश की जाएगी।

यह भी पढ़ें:-https://parvatsankalpnews.com/congress-stir-in-uttarakhand-3-big-leaders-left-the-party-meeting-held-at-harak-singh-rawats-house/

यह भी देखें:-https://www.youtube.com/watch?v=hyj3IMQ5iZ0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *