देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सहसपुर जमीन घोटाले के मामले में हरक सिंह रावत समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया है।
चार्जशीट में हरक सिंह रावत के अलावा उनकी पत्नी दीप्ति रावत, करीबी सहयोगी बिरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है।
क्या है सहसपुर जमीन घोटाला?
ED की जांच के अनुसार, वर्ष 2017 में सुनियोजित साजिश के तहत 101 बीघा भूमि, जिसकी अनुमानित कीमत 70 करोड़ रुपये है, खरीदी गई थी। यह भूमि सहसपुर क्षेत्र में स्थित है, जहां बाद में ‘दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ की स्थापना की गई।
ईडी ने आरोप लगाया है कि इस सौदे में कालेधन का उपयोग हुआ और ट्रस्ट के नाम पर संपत्ति को वैध दिखाने की कोशिश की गई। एजेंसी पहले ही इस भूमि को अटैच कर चुकी है और ट्रस्ट से जुड़े आर्थिक लेनदेन की भी जांच कर रही है।
ED ने कोर्ट में पेश किए अहम दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कोर्ट में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड और प्रॉपर्टी डील से जुड़े सबूत पेश किए हैं, जो घोटाले से जुड़े आरोपों की पुष्टि करते हैं। एजेंसी का दावा है कि यह लेनदेन फर्जीवाड़े और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत आता है।
फिलहाल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है, और ईडी की आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।