अकाली दल के पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू ‘आप’ में शामिल, तरनतारन उपचुनाव में दावेदारी मजबूत
चंडीगढ़/तरनतारन: तरनतारन से तीन बार विधायक रह चुके शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता हरमीत सिंह संधू ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ग्रहण कर ली। मुख्यमंत्री भगवंत मान, पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया, और गिद्दड़बाहा से विधायक हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों की मौजूदगी में संधू ने आम आदमी पार्टी में प्रवेश किया।
तरनतारन सीट पर उपचुनाव की तैयारी, संधू की उम्मीदवारी लगभग तय
आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के 27 जून को गंभीर बीमारी के चलते निधन के बाद तरनतारन सीट खाली हुई है। ऐसे में हरमीत सिंह संधू की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में चर्चा तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संभावित उम्मीदवार के रूप में संधू का नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
राजनीतिक सफर
हरमीत सिंह संधू ने 2002 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। बाद में वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और 2007 व 2012 में लगातार दो बार तरनतारन सीट से विधायक चुने गए। 2017 में उन्हें कांग्रेस के धर्मवीर अग्निहोत्री से हार का सामना करना पड़ा।
2022 के विधानसभा चुनाव में AAP के कश्मीर सिंह सोहल ने यह सीट जीती थी।
संधू का बयान: “अब अकाली दल में सुनने वाला कोई नहीं”
पार्टी में शामिल होते समय हरमीत सिंह संधू ने कहा, “मैं आम आदमी पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में शामिल हो रहा हूं। अकाली दल अब वैचारिक और जनसरोकार से दूर हो गया है, वहां अब सुनने वाला कोई नहीं रहा।”
AAP की रणनीति: अन्य दलों से आए नेताओं पर भरोसा
आम आदमी पार्टी ने हाल के उपचुनावों और चुनावी नियुक्तियों में अन्य दलों से आए प्रभावशाली चेहरों पर भरोसा जताया है:
- जालंधर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस से आए सुशील कुमार रिंकू को टिकट देकर मैदान में उतारा गया।
- जालंधर पश्चिमी सीट से AAP के विधायक शीतल अंगुराल के भाजपा में शामिल होने के बाद, भाजपा से आए मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया गया।
- होशियारपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के डॉ. राजकुमार चब्बेवाल सांसद बने। उनकी खाली हुई विधानसभा सीट पर उनके बेटे इशांक चब्बेवाल को टिकट दी गई।
- गिद्दड़बाहा सीट पर कांग्रेस के राजा वड़िंग के सांसद बनने के बाद, अकाली दल से आए हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को मैदान में उतारा गया।
अब तरनतारन उपचुनाव में संधू की दावेदारी को लेकर पार्टी के भीतर सहमति बनती दिख रही है।