काठमांडू, नेपाल। नेपाल इस समय राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू और कई जिलों में छात्रों और युवाओं, यानी Gen Z, द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं। समाचारों के अनुसार, अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत और 500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
विरोध की वजह और प्रदर्शनकारियों की मांग
विरोध का कारण है प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में देश की राजनीतिक दिशा और हाल ही में इस्तीफे देने वाले मंत्रियों की स्थिति। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि ओली तुरंत इस्तीफा दें। राजधानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
ओली के दुबई जाने की अफवाह
नेपाली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इलाज के बहाने विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं और संभावित गंतव्य दुबई बताया जा रहा है। गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री सहित 10 मंत्रियों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी सिर्फ प्रधानमंत्री की कुर्सी खाली देखना चाहते हैं।
त्रिभुवन एयरपोर्ट हाई अलर्ट पर
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को वीआईपी मूवमेंट के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार हिमालय एयरलाइंस को ओली की संभावित उड़ान के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।
नेताओं के आवास पर हमला
प्रदर्शनकारी अपने गुस्से को नेताओं के घरों तक ले गए। राष्ट्रपति के निजी आवास में आग लगा दी गई, वहीं नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष और सत्ताधारी गठबंधन के नेता शेर बहादुर देउबा के घर पर भी हमला हुआ। उनके घर और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। पूर्व उप-प्रधानमंत्री रघुवीर महासेठ के आवास पर भी पथराव की घटनाएं हुईं। यह विरोध केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और युवाओं की भावनाओं का भी आईना है। Gen Z के लोग अपने भविष्य और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं। इस हिंसा और उथल-पुथल से नेपाल की जनता भयभीत है और हर किसी की निगाहें प्रशासन और सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।