उत्तराखण्ड: जंगलों में विकराल रूप लेती आग ने वन विभाग की फायर सीजन को लेकर करी तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। अब तक उत्तराखण्ड के 78 जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं । आपको बता दें कि आलम ये है कि अब पहाड़ों में विकराल होती वनाग्नि आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई है। बागेश्वर में पांच मकान और दो गोदाम आग की भेंट चढ़ गए। गनीमत रही कि मकानों में कोई नहीं रहता था। नैनीताल से पिथौरागढ़ तक अलग-अलग जगहों में भी जंगल धधकते रहे। बागेश्वर में जंगल की आग की चपेट में आने से कपकोट ब्लॉक के नामतीचेटाबगड़ में पांच मकान जल गए। मकानों में रखा सारा सामान राख हो गया है।
यह मकान बरसात में रहने के लिए बनाए गए थे इसलिए वर्तमान में इनमें कोई नहीं रह रहा था। वहीं झिरौली, नैणी के जंगलों में लगी आग मैग्नेसाइट के गोदाम तक पहुंच गई। आग की चपेट में आने से दो गोदाम जलकर राख हो गए। दूसरी ओर अल्मोड़ा में जागेश्वर, लमगड़ा और जौरासी वन क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाएं हुईं। फायर सीजन में कई हेक्टेयर वन क्षेत्र जलने के साथ ही लाखों का नुकसान हुआ है।
पिथौरागढ़ जिले के बेड़ीनाग क्षेत्र में शाह गराऊं, पोस्ताला, हजेती, जाख, बरसायत, उडियारी में बीते दो दिन से जंगल जल रहे हैं। बेड़ीनाग के आसपास के क्षेत्र में आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है। नाचनी में बाथीं.गुट, कोट्यूड़ा, हुपली के पंचायती वनों में ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया। थल क्षेत्र के वन पंचायत और वन विभाग के चीड़ के जंगलों में लगी आग से चारों ओर धुंध फैली हुई है।