नई दिल्ली: स्वदेश में ही विकसित हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली टैंक.रोधी गाइडेड मिसाइल ‘हेलीना’ का ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफल परीक्षण किया गया है। हेलिना यानी हेलीकॉप्टर आधारित नाग तीसरी पीढ़ी की फायर ऐंड फॉरगेट क्लास एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) प्रणाली है, जो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) पर लगायी जा सकती है।
यह प्रणाली दिन-रात हर प्रकार की मौसमी परिस्थितियों में प्रभावकारी प्रहार करने में सक्षम है। यह पारंपरिक आर्मर के साथ.साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील आर्मर के साथ युद्धक टैंकों को भी परास्त कर सकता है। हेलिना मिसाइल सीधे हिट मोड के साथ.साथ टॉप अटैक मोड दोनों में लक्ष्य को भेद सकती है। हेलिना वेपन सिस्टम्स को भारतीय सेना में शामिल किया जा रहा है। ‘ध्रुवास्त्र’ नामक हेलीना हथियार प्रणाली का एक प्रकार भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा यह परीक्षण उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण ट्रायल्स के हिस्से के रूप में संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। यह परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किए गए थे, और मिसाइल को टैंक प्रतिकृति लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा गया।
‘हेलीना’ मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) द्वारा निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक.रोधी हथियारों में से एक है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में बताया गया है कि राजस्थान के पोखरण में किए गए प्रमाणीकरण परीक्षणए और अत्यधिक ऊंचाई पर इस मिसाइल की क्षमता प्रमाणित होने से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ इसे एकीकृत किए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इन परीक्षणों को सेना के वरिष्ठ कमांडरों और डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौजूदगी में किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से यह उपलब्धि हासिल करने के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी.सतीश रेड्डी ने कठिन परिस्थितियों में किए गए सराहनीय प्रयास के लिए टीमों को बधाई दी है।
सौजन्य ,इंडिया साइंस वायर