पोस्टमैन प्रेम लाल चिट्टियां पहुंचाने हर रोज पहाड़ों पर 32 किलोमीटर पैदल चलते हैं, प्रतिष्ठित मेघदूत पुरस्कार से किया गया सम्मानित

पोस्टमैन प्रेम लाल हर रोज हिमाचल प्रदेश के लाहौल में दूर-दराज के लोगों तक उनकी चिट्ठियां पहुंचाने के लिए हर रोज करीब 32 किलोमीटर पैदल चलते है। वहीं उनके इस साहस को देखते हुए डाक विभाग ने उन्हें प्रतिष्ठित मेघदूत पुरस्कार से सम्मानित किया। सूबे के मंडी मंडल में मेल रनर के पद पर तैनात प्रेम लाल के क्षेत्र में लाहौल की उदयपुर शालग्रान मेल लाइन एरिया आता है, जिसे कवर करने के लिए करीब 32 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

प्रतिष्ठित मेघदूत पुरस्कार वर्ष 1984 में शुरू किया गया था और यह डाक विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च पुरस्कार है। यह आठ श्रेणियों में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रुपये, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं।

 

समुद्र तल से 9000 फीट की ऊंचाई पर है यह इलाका

 

पोस्टमैन प्रेमलाल के प्रशस्ति पत्र में लिखा है, ‘जिस इलाके में आप काम करते हैं, वह साल में अधिकांश वक्त तक बर्फ से ढका रहता है। इस इलाके में सर्दियों के दौरान हिमस्खलन भी होता है। इस जोखिम और खतरे से भरे रास्ते पर प्रेमलाल हर दिन अपनी यात्रा को निर्बाध रूप से पूरा करते हैं।’ बता दें कि यह इलाका समुद्र तल से 9000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *