पीएम मोदी लाल किले से आज रात देश को करेंगे संबोधित

नर्द दिल्ली: आपको ये सुनकर बड़ा अजीब लगेगा कि आज पहली बार पीएम लाल किले से देश को क्यों और कैसे संबोधित करेंगे। आज न तो सवतंत्रता दिवस है जो पीएम लाल किले से संबोधन करेंगे लेकिन आप हैरान मत हो ऐसा इतिहास में पहली दफा होने वाला है जो पीएम लाल किनले से देश को संबोधित करेंगे। आपको बता दें कि आज यानि गुरूवार 21 अप्रैल को सिख गुरु तेग बहादुर के 400 में प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रात करीब 9 15 बजे के समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान वो लाल किले से देश को संबोधित करेंगे यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी किसी धार्मिक कार्यक्रम पर लाल किले से देश को संबोधित करने जा रहे हैं।

लेकिन ये ध्यान रहे प्रधानंमत्री लाल किले की प्राचीर से नहीं, बल्कि लाल किले के लॉन से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। रात 9य30 बजे संबोधन और उनका भाषण समुदायों के बीच शांति और सद्भाव के बारे में होगा। जानकारी के मुताबिक पीएम की तरफ से राष्ट्रवाद और सिख इतिहास पर एक संदेश देने का प्रयास है माना जा रहा है कि पीएम मोदी देश को मुगलों के अत्याचार, सिखों की वीरता के बारे में याद दिलाएंगे।पीएम मोदी का सिख समाज से भावनात्मक जुड़ाव हमेशा से रहा है। पीएम मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले से लेकर तीनों कृषि कानून के वापस लेने के लिए गुरु पर्व का दिन चुना है । अब गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व पर लाल किले से देश को संबोधित करने जा रहे हैं।

क्रांतिकारी युग पुरुष गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म साल 1621 में वैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में गुरु हरगोविंद जी के पांचवे पुत्र के रूप में हुआ था। गुरु तेग बहादुर खालसा पंथ शुरू करने वाले दसवें गुरु गोविंद सिंह के पिता भी थे। आठवें गुरु हरिकृष्ण राय जी के निधन के बाद उन्हें 9वां गुरु बनाया गया। उन्होंने आनंदपुर साहिब का निर्माण करवाया। हिंद दी चादर कहे जाने वाले गुरु तेग बहादुर 1665 से 1675 में अपने बलिदान तक सिखों के गुरु रहे। गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की तमाम कोशिशों के बावजूद भी इस्लाम धर्म धारण नहीं किया। औरंगजेब के इस्लाम कबूल करने के फरमान पर उन्होंने कहा कि शीश कटा सकते हैं लेकिन केश नहीं। जिसके बाद औरंगजेब ने गुरु तेगबहादुर का सिर कलम करवा दिया। बाद में उनके अनुयायियों ने बलिदान स्थल पर गुर तेग बहादुर की याद में गुरुद्वारा बनाया जिसे आज गुरुद्वारा शीशगंज साहब के नाम से जाना जाता है।

Sources : PrabhaShakshi Samachar

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