जीतन राम मांझी: सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण फैसले का स्वागत, आस्था पर टिप्पणी से बचने की नसीहत

केंद्रीय मंत्री जीतन मांझी ने कहा कि जो आदमी बढ़ गया है वह सिर्फ बढ़ता रहे और जो आदमी पीछे है उसकी देखभाग नहीं की जाए। इसीलिए हर हालत में सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, इसका हम स्वागत करते हैं।
भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर डीएमके के नेता द्वारा उठाए गए सवाल को लेकर अब सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी के आस्था के खिलाफ बातें नहीं करनी चाहिए भारत में तो मिट्टी और कंकड़ पत्थर को भी भगवान मानते हैं। इसलिए लोगों को इसका खास ख्याल रखना चाहिए आस्था से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी में लगी हुई हैं? इस सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि स्वाभाविक है कि लोग अपने-अपने तैयारी करेंगे हम पार्टी का भी राष्ट्रीय कार्यकरणी करने का सम्मेलन रांची में हुआ और बहुत बढ़िया अच्छी बैठक है। हमलोग कई राज्यों में विधानसभा चुनाव में लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान द्वारा आरक्षण के मामले पर नाराजगी को लेकर जीतन मांझी ने कहा कि जो आदमी बढ़ गया है वह सिर्फ बढ़ता रहे और जो आदमी पीछे है उसकी देखभाग नहीं की जाए। इसीलिए हर हालत में सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है, इसका हम स्वागत करते हैं। यह फैसला 10 साल पहले आना चाहिए था। आज स्थिति है कि सबसे नीचे होने के कारण शिड्यूल कास्ट का साक्षरता दर 30 प्रतिशत है। उसमें भुइया और मेहतर समाज की साक्षरता दर 15 प्रतिशत से नीचे है। इसका 30 प्रतिशत से ऊपर का साक्षरता है। उनको सुविधा मिलनी चाहिए। लेकिन, इसकी साक्षरता सात प्रतिशत और आठ प्रतिशत है। उसको ज्यादा मिलना चाहिए। इसलिए कोर्ट ने जो आदेश दिया। उसको बढ़ाने के लिए प्रयास होनी चाहिए। आरक्षण के विरोध जो कर रहे वह स्वार्थी लोग हैं।

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