देहरादून: पांच दिनों तक मचे सियासी घमासान के बाद आखिरकार पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं ने आज दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे। इस दौरान हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का विकास मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मैं बिना शर्त कांग्रेस परिवार में शामिल हुआ हूं।हरक ने कहा मैंने 20 साल तक कांग्रेस के लिए काम किया है। मैं सोनिया गांधी का एहसान किसी भी कीमत पर नहीं भूलूंगा ।
वहीं देर आयद दुरूस्त आये की कहावत चरितार्थ करते हुये कांग्रेस में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की वापसी पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत की आपत्ति के बाद पेच फंसा हुआ था ।
हालांकि सरकार तोडने में हरक की भूमिका जिसमे उन्होंने वर्ष 2016 में बगावत कर उनकी सरकार गिराई भी हरीश रावत बहुत नाराज थे जिसको लेकर हरीश रावत के तीखे तेवरों में अभी कमी नहीं आई है। वह हरक सिंह रावत को लोकतंत्र का गुनहगार बताते हुए पहले माफी मांगने पर जोर देते रहे। लेकिन हरीश रावत कह चुके थे कि हरक की वापसी का फैसला सामूहिक होगा।
आपको बता दें कि भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत ने बीते दिनों पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि उनकी कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात हो रही है। जल्द ही उसी के आधार पर मैं अपना फैसले लूंगा। साथ ही कहा था कि हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं मैं उनसे 100 बार माफी मांग सकता हूं।