देहरादून। उत्त्राखण्ड राज्य गठन के समय प्रदेश में 14.14 हजार एमएसएमई पंजीकृत थे। आपको बता दें इस दौरान इनसे 38.50 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ था और इसमें कुल 700 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश था। समय के साथ-साथ इनकी संख्या में दिनोदिन वृद्धि होने लगी । देवभूमि उत्तराखण्ड में इस समय कुल 68.88 हजार एमएसएमई रजिस्टर्ड हैं। इनसे 3.64 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है और इनमें 14 हजार करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है।
उत्तराखण्ड में इस समय बेरोजगारों की संख्या में उतरोत्तर वृद्धि होती जा रही है। इसे देखते हुए सरकार अब बेरोजगारों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित व जागरूक कर रही है। स्वरोजगार दिलाने की दिशा में एमएसएमई क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। अगर हम केंद्रीय बजट को उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी के तहत अतिरिक्त कर्ज देने की योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाने से एमएसएमई क्षेत्र को निश्चित रूप से लाभ होगा।
वे अपने उद्योगों को संभालने के साथ ही इन्हें रफ्तार भी दे पाएंगे। अब इन्हें कर्ज लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए बजट में सर्विस सेक्टर, यानी सेवा क्षेत्र को शामिल किए जाने का बड़ा फायदा उत्तराखंड को होगा।आम बजट 2022 केंद्रीय बजट मंगलवार को पेश होने से उत्तराखंड में सूक्ष्म, लघु एव मध्यम उद्यम (एमएसएमई) समूह को उम्मीदें बंधी हैं। बजट में नई योजनाओं के प्रविधान से एमएसएमई क्षेत्र को विस्तार मिलने की संभावना है। साथ ही इससे स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलने की राह भी प्रशस्त होती नजर आ रही है। चुनावी नजरिये से देखा जाए तो कहीं न कहीं बजट भाजपा के स्वरोजगार व रोजगार के नए अवसर पैदा करने के दावों को मजबूती देता नजर आ रहा है।