सुबह की सैर पर निकले धामी ने खुद बनाई अदरक की चाय, मैदान में खिलाड़ियों के बीच सीएम पहुंचे, समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के दिए निर्देश

आम लोगों से किया सीधा संवाद, उत्तराखण्ड में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में और कदम उठाए जाने को लेकर लिए सुझाव

मैदान में खिलाड़ियों के बीच पहुंचे, समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के दिए निर्देश

बीडी पाण्डेय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, मरीजों से मुलाकात की, कुशलक्षेम पूछी और अस्पताल प्रबंधन को दिए स्वास्थ्य सेवाओं में निरन्तर सुधार के निर्देश

नैनीताल। नैनीताल प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मुलाकात की। चाय की दुकान पर रुककर खुद अपने हाथ से अदरक कूटकर चाय बनाने में सहयोग किया। इसी बीच मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों के पास जाकर उन्होंने उनकी समस्याएं पूछीं और उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बीपी पाण्डेय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, मरीजों से मुलाकात की। उनकी कुशलक्षेम पूछी और अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य सेवाओं में निरन्तर सुधार के निर्देश दिए।

मार्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मिलना, उनकी समस्याओं को पूछना और सरकार के कामकाज का फीडबैक लेना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिनचर्या का हिस्सा रहा है। वह देहरादून में हों या फिर अन्य स्थानों के भ्रमण पर, हमेशा सुबह की सैर करते हैं और आम लोगों से रूबरू होते हैं। मंगलवार की सुबह श्री धामी नैनीताल में मार्निंग वॉक पर निकले। चाय की दुकान पर खड़े लोगों से उन्होंने बातचीत की। उनसे पूछा कि उत्तराखण्ड में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में और क्या कदम उठाए जा सकते हैं। बातचीत के दौरान ही धामी ने चाय के लिए खुद अदरक कूटा। मुख्यमंत्री की सादगी और सहजता को देखकर स्थानीय लोग अचंभित रह गए।

इसके बाद मुख्यमंत्री की नजर पास में स्थित खेल के मैदान में पड़ी, जहां युवा खेल रहे थे। धामी खिलाड़ियों के बीच पहुंचे, उन्होंने खेल और सुविधाओं से सम्बंधित दिक्कतें खिलाड़ियों से पूछीं। मौके पर ही अधिकारियों से बात की और खिलाड़ियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने को कहा। बाद में मुख्यमंत्री बी.डी. पाण्डेय अस्पताल पहुचें। उन्होंने वार्ड में जाकर मरीजों से मुलाकात की। अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।

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