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धामी सरकार जून में पेश करेगी बजट

जून महीने में पेश होने वाले बजट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभिन्न वर्गों से सुझाव लेने प्रारम्भ कर दिए हैं । बीते दिने नैनीताल दौरे पर रहे सीएम धामी ने भावी बजट को लेकर वहा की जनता से राय मांगी और अब राजधानी देहरादून से भी इसी तरह लोगों से से सुझाव मांगे जाएंगे । यह सिलसिला आने वाले कुछ हफ्ते तक चलता रहेगा, वहीं जनता के ऑनलाइन व ऑफलाइन सुझाव भी उत्तराखंड सरकार के पास पहुंच रहें हैं।

 

सरकार द्वारा इस बार जनता से आ रहे सुझाव का विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा,  साथ ही जनता द्वारा आ रहे सुझावों के बीच सरकार को उन चुनौतियों का भी ख्याल करना होगा जो बजट के लिए बहुत जरूरी है।  साथ ही राजस्व घाटे की भरपाई करके 15वें वित्त आयोग ने राज्य को बहुत बड़ी राहत दी है। इससे उत्तराखंड सरकार को पांच साल के लिए 28147 करोड़ रुपये मिलेंगे।

जानकारी के अनुसार 2021-22 में पहली किस्त के रूप में 7772, दूसरी किस्त 7137, तीसरी 6223, चौथी 4916 तथा पांचवी और आखिरी 2099 करोड़ की किस्त राज्य सरकार को प्राप्त होगी। वहीं चिंता की बात यह है कि जून से सरकार को जीएसटी के मुआवजे से हाथ धोना पड़ सकता है, हालांकि राज्य सरकार केंद्र से राहत मिलने को लेकर आश्वस्त है ।

उत्तराखंड सरकार के लिए केंद्रीय अनुदान राजस्व का प्रमुख स्त्रोत है, लेकिन वहीं केंद्र पोषित योजनाओं के तहत आवंटित धनराशि का भी पर्याप्त इस्तेमाल नहीं हो पाता है।  वर्ष 2019-20 में 8308.76 करोड़ अनुदान प्राप्त हुआ था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार को 20835.30 करोड़ का केंद्रीय अनुदान प्राप्त होने का अनुमान है।

अपर मुख्य सचिव का बयान

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन का कहना है कि हमने केंद्र सरकार से जीएसटी प्रतिपूर्ति मुआवजा जारी रखने का अनुरोध किया है। जानकारी के अनुसार यदि केंद्र ने मुआवजा देने से इनकार करता है तो राज्य सरकार को सालाना  करीब पांच करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

वेतन और पेंशन का खर्च बढ़ा सकता है चिंता

 

उत्तराखंड सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां है वेतन और पेंशन का खर्च बढ़ रहा है। वेतन खर्च की सालाना आठ प्रतिशत और पेंशन खर्च सात प्रतिशत वृद्धि दर है। नए ऋणों पर आठ प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान अलग से है। इसे काबू में लाना सरकार के लिए आसान नहीं है।

 

 

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