कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा रही है। केंद्र सरकार पर आर्थिक अत्याचार और नाइंसाफी के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन की योजना बनाई है। कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेता ‘चलो दिल्ली’ आह्वान के तहत दिल्ली पहुंच गए हैं। जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का आगाज हो चुका है। कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। आइए जानते हैं, कांग्रेस मंत्रियों और नेताओं का इस विरोध-प्रदर्शन पर क्या कहना है- कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया भी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच गए हैं। यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सरकार हमारे विरोध को सुनेगी। हमारा मुख्य उद्देश्य राज्य और कन्नड़ लोगों के हितों की रक्षा करना है।’
दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, ‘कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जो इस देश को सबसे ज्यादा राजस्व दे रहा है। हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, हम अपना हिस्सा मांग रहे हैं। हम यहां यह दिखाने आए हैं कि हम सभी कर्नाटक के लोगों के लिए लड़ रहे हैं।’
इससे पहले, शिवकुमार ने कहा, ‘हम अपने अधिकारों के लिए पूछ रहे हैं, हमें जो भी फीसदी मिलना चाहिए, उसका 13 फीसदी मिल रहा है। अगर अन्य राज्यों को लाभ मिलता है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने (केंद्र ने) गुजरात को जो नीतियां, योजनाएं दी हैं उन्हें हमें भी देना चाहिए।’ मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, ‘चार-पांच मांगें हैं। करों को लेकर जो अन्याय हो रहा है उसके खिलाफ लड़ रहे हैं। इसके अलावा हमें सूखा राहत राशि नहीं मिल रही है। इन्हीं सबको लेकर हम विरोध कर रहे हैं। केंद्र को समझना चाहिए कि कर्नाटक एक आर्थिक महाशक्ति है।’
विरोध प्रदर्शन को लेकर कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने हमारे राज्य से लगभग 4,50,000 रुपये का कर जुटाया है, लेकिन हमें सिर्फ 50,000 रुपये मिल रहे हैं। इस वर्ष 236 तालुकों में से 220 तालुकों को सूखे से प्रभावित घोषित किया गया है। अभी तक कर्नाटक के लिए एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है।’ वहीं, मंत्री केएच मुनियप्पा ने कहा, ‘हम सरकार से नाराज नहीं हैं। भारत सरकार ने कर्नाटक में सूखे की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भेजी है और रिपोर्ट प्रस्तुत की है। अंत में, मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से मुलाकात की जो सूखे की स्थिति के बारे में चिंतित थे और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे धनराशि जारी करेंगे। आज तक, उन्होंने धनराशि जारी नहीं की है। हमने धन प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए हैं। यह अंतिम उपाय है, हमें विरोध करना होगा।’
दिल्ली में होने वाले विरोध-प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा, ‘आज, पूरा कर्नाटक मंत्रिमंडल कर्नाटक सरकार को सही कर राशि का भुगतान करने की मांग करने के लिए केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली आया है। वित्त मंत्री चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ यहां जंतर-मंतर पर केंद्र द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।’