CM सुक्खू का फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर, प्राकृतिक खेती को देंगे बढ़ावा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के ध्येय से कार्य कर रही है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिए अनेक अभिनव पहल की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों को विशेष अधिमान दिया जा रहा है। प्रदेश के हिम ईरा व अन्य उत्पाद दूसरे प्रदेशों में बहुत लोकप्रिय हुए हैं। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा हिमाचल प्रदेश पशु एवं कृषि सखी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट कर उन्हें अपनी विभिन्न मांगों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पहली बार दूध, प्राकृतिक खेती से उगाए गेहूं, मक्की और हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स ‘हिम-ईरा’ वेबसाइट शुरू की गई है। प्राकृतिक खेती कर रहे प्रदेश के एक लाख 58 हजार से अधिक किसानों को प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक तरीके से उगाई गई मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 से बढ़ाकर 40 रुपए और गेहूं का 40 रुपए से बढ़ाकर 60 रुपए प्रतिकिलो किया गया है, जिससे हमारे लाखों किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। प्रदेश में पहली बार प्राकृतिक हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कच्ची हल्दी 90 रुपए प्रतिकिलो की दर से खरीदने जा रही है, जिसेे ‘हिमाचली हल्दी’ के नाम से बढ़ावा दिया जाएगा।

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