मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने अथक प्रयास से उत्तराखंड को अग्रसर, प्रगति और विकासशील बनाने के लिए हर मैदान में कार्य कर रहे है, चाहे वह होम स्टेट हो या पहाड़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने की बात हो इसी प्रकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पशु पालकों को हर तरह की सुविधा प्रदान कर रहे है, उत्तराखंड में पाई जाने वाली देसी नस्ल की बद्री’ गाय, जो बाकी गायों की तुलना में सिर्फ 3 से 4 लीटर ही दूध देती है, इस गाय से दूध उत्पादन कम ही मिलता है, इसलिए अब लोग इसे रखना पंसद नहीं करते। इसी के तहत धामी सरकार ने आनुवंशिक स्थानीय बद्री गाय एवं संवर्धन कार्यक्रम चला रही है, धामी सरकार इस योजना के तहत बद्री गायों के लिए तीन पशु बाड़े, पक्षेत्र का सुदृढीकरण कार्य, पशु पालकों के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
मुख्यमंत्री धामी बद्री गाय से प्राप्त होने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है, वहीं बद्री गाय के दूध से बने डेयरी उत्पादों को पूरे देश में उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तराखंड में पशुचारे की कमी को दूर करने के लिए धामी सरकार ने पहली बार चारा नीति लेकर आई है, राज्य में 17 % सूखे चारे, 32 % हरे चारे कमी को योजनाबध्द पूरा किया जाएगा। 5 वर्षों के भीतर इस नीती को पूरा किया जाएगा। बद्री गाय एक बेहद कम लागत वाली गौवंशीय प्रजाति है, जो हिमालय के बुग्याल में चरकर ही दूध देती है। ऐसा माना जाता है कि बुग्यालों में पोषण की खान है, तभी तो बद्री गाय के दूध में मिलावट नहीं, सिर्फ पोषण होता है. इस गाय दूध इतना पवित्र है कि यहां के लोकदेवता को इसका दूध अर्पित किया जाता है।