NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई ने दाखिल की पांचवीं पूरक चार्जशीट, जांच जारी

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अंडरग्रेजुएट परीक्षा पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को अपनी पांचवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में पांच आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें गिरोह के प्रमुख सदस्य अमित कुमार सिंह (बोकारो) का नाम भी शामिल है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अमित सिंह ने पेपर लीक की पूरी साजिश रची और उसे अंजाम दिया।

चार्जशीट पटना की विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल की गई है। इसमें बताया गया है कि अमित सिंह को पेपर लीक और वितरण में सुदीप कुमार और युवराज कुमार (बोकारो), अभिमन्यु पटेल (नालंदा) और अमित कुमार (पटना) का सहयोग मिला। ये सभी आरोपी बिहार और झारखंड में अभ्यर्थियों तक लीक पेपर पहुंचाने में शामिल थे।

सीबीआई ने बयान में कहा कि इस मामले में अब तक 45 आरोपियों को चार्जशीट में शामिल किया गया है और सभी न्यायिक हिरासत में हैं। चार्जशीट भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 109 (उकसाना), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 380 (चोरी), 201 (सबूत नष्ट करना), 411 (चोरी की संपत्ति रखना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) व 13(1)(ए) के तहत दायर की गई है। सीबीआई ने 23 जून को इस मामले की जांच शुरू की थी।

सीबीआई ने बताया कि NEET UG 2024 का पेपर पांच मई को आयोजित परीक्षा से पहले झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से चुराया गया था। इस साजिश में स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक, उप-प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज आलम और पंकज कुमार का हाथ था। आरोप है कि पेपर को स्कूल में लाए गए कंट्रोल रूम में रखे ट्रंक से उन्नत उपकरणों का इस्तेमाल कर चुराया गया।

सीबीआई के अनुसार, परीक्षा के दिन सुबह ही पेपर को मेडिकल कॉलेजों के छात्रों द्वारा हल किया गया। उनमें AIIMS पटना, RIMS रांची और भरतपुर के एक मेडिकल कॉलेज के छात्र शामिल थे। पेपर को हल करने के बाद इसे चुनिंदा छात्रों के साथ साझा किया गया, जिन्होंने इसके लिए मोटी रकम चुकाई थी।

NEET UG परीक्षा देश भर के 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी। यह परीक्षा 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें भारत के 571 शहर और 14 विदेशी केंद्र शामिल थे। इस पेपर लीक की घटना ने लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। सीबीआई ने इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों की पहचान राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) और शिक्षा मंत्रालय के साथ साझा कर दी है। अब सवाल यह है कि क्या लीक के कारण परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा या नहीं।

 

 

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