नीतीश सरकार का बड़ा कदम, बिहारवासियों को राहत: अब जमीन सर्वे के लिए खतियान का कागजात देना अनिवार्य नहीं।

नीतीश सरकार ने बिहारवासियों को बड़ी राहत दी है। अब जमीन सर्वे के जमीन के लिए खतियान के कागजात देना अनिवार्य नहीं है। केवल खाता और प्लॉट नंबर के साथ सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं गैर मजरूआ जमीन का सर्वे सरकार के नाम पर होगा। दखल-कब्जा वाले लोगों को वर्तमान समय में बेदखल नहीं किया जाएगा। भूमि एवं सुधार विभाग के अनुसार, जमीन के सर्वे के दौरान जमीन का नक्शा और दस्तावेज बनाना है। इस दौरान किसी को बेदखल नहीं करना है। इसके नाम पर जमीन है। इसका केवल साक्ष्य होना चाहिए। इसमें रसीद, खाता और प्लॉट नंबर आदि शामिल हैं। सरकारी जमीन की जानकारी अंचलाधिकारी द्वारा दी जाती है। ऐसी जमीनों का सर्वे सरकार के नाम पर किया जाएगा।

विधानसभा में जमीन सर्वे को लेकर विपक्ष के विधायकों ने प्रश्न किया। इसके बाद भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि राज्य में जमीन सर्वे को लेकर बिहार के लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। बिहार सरकार जमीन सर्वे के नियमों में बदलाव करेगी। सरकार सर्वे में कुल 13 तरह की छूट देने जा रही है। इसकी तैयारी चल रही है

बता दें कि बिहार के अलग-अलग इलाकों में गैरमजरूआ आम, गैर मजरुआ मालिक, कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, भू-दान, भू-दहबंदी, बासगीत, पर्चा की भूमि, बंदोबस्ती पर्चा की भूमि वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की जमीन का सर्वे बिहार सरकार के नाम पर किया जाएगा। बिहार में अब तक 47 लाख परिवार ने खुद ही जमीन के कागज सर्वे के लिए विभाग को उपलब्ध कराए हैं।

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