सिरसा:- महेंद्रगढ़ बस हादसे के बाद निजी स्कूलों की बसों की फिजिकल वेरिफिकेशन लगातार जारी है। रविवार को अवकाश के दिन भी हुडा सेक्टर में निजी स्कूलों की बसों की फिजिकल वेरिफिकेशन की गई। रविवार को 21 स्कूल बस चालक फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए पहुंचे और इनमें से 8 बसों को मानक पूरा न होने के चलते वापस भेज दिया गया। अन्य बसों में छोटी मोटी खामियां थीं, जिनको चालक मौके पर ही दूर करके वापस आ गए और इन बसों की पासिंग कर दी गई।
सिरसा जिले में करीब 1200 निजी स्कूल बसें हैं। महेंद्रगढ़ हादसे के बाद प्रशासन ने निजी स्कूल बसों के खिलाफ सख्ती बरती और धड़ाधड़ चालान काटने शुरू किए तो निजी स्कूल बस चालक अपनी बसों में सभी कमियों को पूरा करके फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए आरटीए कार्यालय आ रहे हैं। रविवार को अवकाश होने के बाद भी हुडा सेक्टर में आरटीए अधिकारियों ने निजी बसों की जांच की। रविवार को वेरिफिकेशन के लिए 21 बसें आईं। इनमें 4 बसे ऐसी थी, जो पहले भी मानक पूरे नहीं कर पाई थी और इनको दोबारा बुलाया गया था। रविवार को आठ बसें मानकों पर खरा नहीं उतरीं और उनको वापस भेज दिया गया। इनमें कई बसों में अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके थे। बसों के टायरों की हालत भी ठीक नहीं थी। कई बसों का पेंट उतर चुका था और लोहे के पतरों पर जर लगा हुआ था। इसके अलावा सरकारी नंबर की नंबर प्लेट भी बसों में नहीं पाई गईं, जिनको लौटा दिया गया।
सीसीटीवी व जीपीएस के दाम बढ़े
जिले में चल रही अधिकतर निजी स्कूल बसों में पहले सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस नहीं थे, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के चलते उनको अब सीसीटीवी व जीपीएस लगवाना पड़ रहा है। बाजार में जो सीसीटीवी बसों में 4 हजार रुपये तक पहले लग जाते थे, उनके दाम अब 6 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा जीपीएस के दाम भी बढ़े हैं।
जिन बसों में खामियां पाई गई हैं, उनको बुधवार को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। सभी बस चालकों को आदेश दिए गए हैं, कि वह सभी मानक पूरा करके आएं, तभी बसों को पास किया जाएगा, अन्यथा आगे अगर बिना मानकों की बसें मिलीं तो उचित कार्रवाई होगी। – सुरेंद्र कुमार, डिलिंग हैंड, आरटीए सिरसा।