Bihar : बिहार में रेलवे सहित अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का फर्जी खेल चल रहा था। पुलिस ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। उनके पास से रेलवे विभाग के कई सरकारी दस्तावेज बरामद हुए हैं। मुजफ्फरपुर पुलिस ने रेलवे के साथ अलग – अलग विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ठगी करने वाले मास्टर माइंड को ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह कई जिलों में फैला है, जो नौकरी देने के नाम पर ठगी करने का काम करते हैं। इस बात की जानकारी एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने दी है।दरअसल मुजफ्फरपुर पुलिस ने रेलवे में ग्रुप सी में खेल कोटा के नाम पर ठगी करने और छात्र-छात्राओं को नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने के मामले में कार्रवाई की गई है।पुलिस ने इस मामले में ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से सचेंद्र शर्मा उर्फ दादा को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से रेलवे के कई पर्चा और फॉर्म बरामद किये गये। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर अलग-अलग मोड में लाखों रुपये को लेकर ठगी किया करते थे और इसमें अलग-अलग लोगों का एक चैनल बना हुआ है। इस गिरोह में अलग-अलग जिले के लोग भी शामिल हैं। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।इस मामले पर पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अलग-अलग जिले में फैला हुआ है। इसमें पहले नौकरी देने के नाम पर फॉर्म भराया जाता है और फिर कुछ औपचारिकता को
पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों को अलग-अलग जिले में बुलाकर उनसे पैसे लिए जाते हैं। इसमें कई लोग शामिल हैं, जिनका अलग-अलग काम होता है। अभ्यर्थियों से प्रशिक्षण के नाम पर रुपये की ठगी करते हैं। फिर सभी काम होने के बाद ट्रैनिंग के लिए बुलाया जाता है और उसके बाद एक ज्वाइनिंग लेटर देकर भेज दिया जाता है। फिर उसके बाद उस जगह पर जाता है, जहां पर उसको नौकरी की अपनी ज्वाइनिंग लेटर को दिखाना होता है और फिर उसके बाद यह लोग फरार हो जाते हैं।बेला थाना में दर्ज प्राथमिकी में जिले के दो छात्रों ने 6 आरोपियों को अभियुक्त बनाया गया है, जिसमें तीन लोग मुजफ्फरपुर के हैं और 2 लोग अलग-अलग जिले के रहने वाले है। दोनो छात्रों ने बताया कि बाजार समिति के एक शख्स ने मुझे संपर्क कराया। उन लोगों ने दो अन्य लोगों तक पहुंचाया, जहां उन्हें रुपये देने पड़े हैं। उसके बाद ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के एक मास्टर माइंड से मिलाया गया, जिसने दोनों से कुल मिलाकर 13 लाख रुपये लिए। फिर उन्हें ट्रेनिंग के नाम पर अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया और एक सामान्य कमरे में रखा गया। पूरा पैसा मिलने के बाद एक ज्वाइनिंग लेटर दिया गया, जिसको लेकर एक स्टेशन मास्टर से मिलना था। जब लेटर लेकर गया के वजीरगंज के स्टेशन मास्टर के पास पहुंचे तो बताया गया कि यह लेटर फर्जी है। तब ठगी का एहसाह हुआ।इस मामले में एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने बताया कि ठगी के मामले में कार्रवाई की गई है। इसके गिरोह से जुड़े हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में कुल 6 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। बाकी लोग अन्य जिले के रहने वाले हैं। एएसपी टाउन भानु प्रताप सिंह ने बताया कि यह एक बड़ा ऑर्गेनाइज्ड मोड में काम करने वाला गिरोह है, जो पूरे बिहार के अलग-अलग जिला में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा कि आशंका है कि इस गिरोह के चंगुल में अब तक कई लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। यह आंकड़ा करोड़ रुपये का हो सकता है। जांच के दौरान एक आरोपी को पकड़ा गया है, जिसके पास से रेलवे के कुछ पेपर, मोबाइल फोन और ग्रुप डी से बनाए गए कागजात बरामद किये गये हैं। मामले में आगे की कार्रवाई और अनुसंधान किया जा रहा है।