समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिकायतकर्ताओं से बात कर उनकी समस्याओं के यथाशीघ्र समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह, सचिवगणों को माह में दो बार और मुख्य सचिव को प्रत्येक माह में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि 3 माह से अधिक लंबित प्रकरणों को अभियान चलाकर निस्तारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिलाधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रमों का आयोजन नियमित तौर पर करना होगा, साथ ही शिकायतों का समाधान निर्धारित समय सीमा के भीतर न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। आपदा से क्षतिग्रस्त लाइनों, सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के साथ ही रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान तभी माना जाएगा, जब शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से संतुष्ट होगा। प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी विभागों को हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त शिकायतों की स्थिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
निदेशक आईटीडीए श्री गौरव कुमार ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों और विभागों द्वारा समाधान के लिए की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखंड पेयजल, गृह विभाग, ऊर्जा से संबंधित लोगों की अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।