नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 48.000 करोड़ रुपये से 80 लाख सस्ते घर बनाए जाएंगे। ये घर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों स्थानों पर होंगे। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022.23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा ‘‘पीएमएवाई’’ योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में चिन्हित पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।उन्होंने कहा, इसमें शहरों और ग्रामीण दोनों इलाके के घर शामिल है और इसके लिए 48.000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी आवश्यक भूमि और निर्माण संबंधी मंजूरियों को लेकर समय कम करने के लिए राज्यों के साथ काम करेगी ताकि शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास को बढ़ावा दिया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा, हम मध्यस्थता की लागत में कमी के साथ-साथ पूंजी तक पहुंच बढ़ाने के लिए वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ भी काम करेंगे। इससे पहले सोमवार को जारी आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 में पीएम आवास योजना के तहत 25 नवंबर तक 33.99 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
सिग्नेचर ग्लोबल ग्रुप और अध्यक्ष एसोचैम.नेशनल काउंसिल ऑन रियल एस्टेट हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट के प्रदीप अग्रवाल कहते हैं, सरकार ने हमेशा अफोर्डेबल आवास पर ध्यान केंद्रित किया है और इस बजट में पीएम आवास योजना के लिए 48.000 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में घोषणा की गई जो बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। सरकार ने 2022-23 में अफोर्डेबल श्रेणी में 80 लाख घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। यह समग्र आवास उद्योग के लिए एक प्रमुख बूस्टर हो सकता है। यह सेक्टर में सकारात्मक भावना लाएगा और मांग और आपूर्ति दोनों में वृद्धि करेगा। यह एक संतुलित बजट था जिसने शहरों में बहु.मॉडल परिवहन में सुधार और राजमार्गों को 25000 किमी तक बढ़ाने सहित समग्र आर्थिक विकास का ध्यान रखा। परिवहन में सुधार से शहरों में रोजगार पैदा होगा जिससे और आवास की मांग बढ़ेगी।