हिमाचल में आफत की बारिश: 343 सड़कें बंद, 551 ट्रांसफार्मर ठप; IMD ने दी भारी बारिश की चेतावनी

हिमाचल में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन से कई सड़कें बंद, हाईवे चार घंटे बाद बहाल

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश जारी है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चंबा, कांगड़ा, मंडी और शिमला सहित अनेक जिलों में भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

चंबा में भूस्खलन, बोलेरो गाड़ी फंसी

चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के कामला गांव में भूस्खलन के कारण एक बोलेरो गाड़ी सड़क के बीचोंबीच फंस गई। हालांकि, गाड़ी में सवार लोग समय रहते बाहर निकलकर जान बचाने में सफल रहे। चुराह उपमंडल के मंगली पंचायत के भोड़ास गांव में भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आए हैं।

शिकारी मोड़–गनेड़–बिहाली मार्ग भी गनेड़ नाला का जल स्तर बढ़ने के कारण बंद हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।

सैकड़ों सड़कें व बिजली ट्रांसफार्मर ठप

बुधवार सुबह 10 बजे तक राज्य में 343 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद पड़ी थीं। साथ ही 551 बिजली ट्रांसफार्मर और 186 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें और 155 ट्रांसफार्मर ठप हैं। चंबा में 279 व कुल्लू में 111 ट्रांसफार्मर बाधित हुए हैं।

बारिश के आंकड़े

बीती रात विभिन्न क्षेत्रों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई:

  • भटियात: 6 मिमी
  • पालमपुर: 0 मिमी
  • कांगड़ा: 8 मिमी
  • जोत: 0 मिमी
  • नादौन: 4 मिमी
  • अन्य स्थानों में भी 20 से 60 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई।

चंडीगढ़–मनाली हाईवे बहाल

सोमवार रात से हो रही मूसलधार बारिश के कारण बुधवार सुबह 4 बजे चंडीगढ़–मनाली नेशनल हाईवे पर 9 मील और कैंची मोड़ के पास भूस्खलन हुआ, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। पंडोह पुलिस चौकी के प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि तेज बारिश के चलते रात में मलबा हटाने का कार्य संभव नहीं था। सुबह 6 बजे मशीनरी पहुंची और दो घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 8 बजे एकतरफा यातायात शुरू कर दिया गया।

अब तक 170 मौतें, 1,600 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त

20 जून से 29 जुलाई तक मानसून के चलते राज्य में 170 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 278 घायल और 36 लोग लापता हैं। इस अवधि में बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ की घटनाओं में 1,646 मकान और दुकानें, 1,187 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,402 पालतु पशुओं की मौत हुई है। अनुमानित नुकसान का आंकड़ा 1,538 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

प्रशासन की अपील

प्रशासन और पुलिस विभाग ने लोगों और पर्यटकों से खराब मौसम के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा न करने की अपील की है। चंडीगढ़–मनाली नेशनल हाईवे का मंडी से औट तक का हिस्सा लगातार भूस्खलन की चपेट में है, जिससे मार्ग बेहद जोखिमभरा हो गया है।

 

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