दिल्ली:- दिल्ली-एनसीआर में फिर से GRAP-3 लागू हो गया है। दिल्ली में हवा की वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। इससे पहले बीते सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-2 नियम की पाबंदियों वाले आदेश को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ग्रेप 4 के प्रतिबंध पर जो राहत दी गई थी, वो जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह आदेश दिया था।
ग्रेप तीन के तहत इन कार्य पर रहेगी पाबंदी
-पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
-बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
-पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य।
-ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
-ईंट/चिनाई कार्य।
-प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
-सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
-परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
-कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
-विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।
नए जोड़े गए नियम
– बीएस-3 स्टैंडर्ड या इससे नीचे के मीडियम गुड्स वीकल (एमजीवी) अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे। जरूरी सामान लेकर आ रहे एमजीवी को इसमें छूट दी गई है।
– बीएस-3 और इससे नीचे के मीडियम गुड्स करियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। जरूरी सामान से जुड़े वाहनों इसमें शामिल नहीं हैं।
– एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों को दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को इसमें छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है।
ग्रेप-3 में लोगों के लिए सीएक्यूएम की सलाह
-कम दूरी के लिए साइकिल का करें इस्तेमाल या चलें पैदल।
-संभव होने पर कार पूलिंग का लें सहारा।
-सार्वजनिक परिवहन का करें इस्तेमाल।
-दफ्तर से इजाजत मिलने पर वर्क फ्रॉम होम पर चले जाएं।
-निर्माण कार्य समेत दूसरी प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों का रोकें।